यूक्रेन को लेकर देर रात हुई पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति पुतिन की बात

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रूस-यूक्रेन संकट के बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार देर रात फ़ोन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चर्चा की.

चर्चा के दौरान पुतिन ने मोदी को यूक्रेन के बारे में ताज़ा स्थिति से अवगत कराया. वहीं मोदी ने कहा कि वो मानते हैं कि रूस और नेटो के बीच जो मतभेद हैं उन्हें बातचीत के ज़रिए सुलझाया जा सकता है.

मोदी ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की और कहा कि राजनयिक बातचीत के लिए सभी पक्षों को ठोस प्रयास करने की ज़रूरत है.

मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी पुतिन से चर्चा की और कहा कि सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित यूक्रेन से निकालना और देश वापिस लाना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

दोनों नेताओं में इस बात पर भी सहमति बनी कि मौजूदा तनाव के बीच दोनों मुल्कों के अधिकारी और राजनयिक साझा हितों के मुद्दों पर एकदूसरे के साथ लगातार संपर्क बनाए रखेंगे.

इससे पहले भारत विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा था कि यूक्रेन में क़रीब 20 हज़ार भारतीय रहते हैं. उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में 4,000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
विदेश सचिव ने कहा यूक्रेन में 20 हज़ार भारतीय, हालात से निपटने के लिए उठाए गए कई क़दम

भारत विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारत ने यूक्रेन के हालात से निपटने के लिए कई क़दम उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में तेज़ी से घटनाक्रम बदल रहे हैं.

उन्होंने बताया कि हालात से निपटने के उठाए गए क़दमों में वहां रह रहे भारतीय नागरिकों का पंजीकरण भी शामिल है.
श्रृंगला ने कहा कि ये काम एक महीने पहले ही शुरू हो गया था. ऑनलाइन पंजीकरण से ही पता चला था कि यूक्रेन में 20 हज़ार भारतीय रहते हैं.

उन्होंने ये भी बताया कि बीते कुछ दिनों के दौरान 4,000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं. दिल्ली में स्थित विदेश मंत्रालय के कंट्रोल रूम को 980 कॉल्स और 850 ईमेल मिले हैं.
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास अपना काम जारी रखेगा.

हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकालने के लिए भारतीय अधिकारियों को यूक्रेन के सटे देशों के लिए भेजा गया है.

ये अधिकारी रूसी भाषा जानते हैं ताकि इस कारण उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े. इनमें से कुछ अधिकारी वहां पहुंच चुके हैं जबकि कुछ पहुंचने वाले हैं.

उन्होंने कहा यूक्रेन के सटे पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी में मौजूद भारतीय राजदूतों से कहा गया है कि वो यूक्रेन से बाहर निकल रहे भारतीयों को इन मुल्कों में आने दें ताकि उन्हें वहां से भारत लाया जा सके.

-एजेंसियां