आगरा में 12 रैन बसेरे और शेल्टर होम के बाद भी खुले आसमान के नीचे सो रहे लोग

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आधारकार्ड नहीं, इसलिये रैन बसेरे में जगह नहीं!

आगरा। शीतलहर में बेघरों और बेसहारा लोगों का ध्यान रखने के प्रदेश सरकार के निर्देशों के बावजूद कई गरीब व बेसहारा लोग शहर की लाइफ लाइन एमजी रोड के फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। बेसहारा लोगों का दुःखड़ा यह था कि, वे रैन बसेरे और शेल्टर होम में जाना चाहते हैं लेकिन आधार कार्ड नहीं होने से उन्हें वहां से भगा दिया जाता है।

ऐसे लोग रात्रि में कहीं अलाव के सहारे रात गुजारते हैं तो कहीं खुले आसमान के नीचे कंबल में ठिठुरते रहते हैं।

जिलाधिकारी कैंप कार्यालय के बाहर एमजी रोड के फुटपाथ पर बैठी कमलेश ने बताया कि वह कंबल के लिए यहां पर सोती हूं। वैसे वह रावली मंदिर के पास रात गुजारती है। वह राजस्थान की रहने वाली है। परिवार में कोई नहीं है। इसलिए यहां कई साल से रह रही है। यहीं मौजूद अजय ने बताया कि वह कई सालों से सड़क पर ही रहता है। रात में सड़क पर सोता है। सर्दी से बचने के उसके पास कंबल है। कई यहां आते हैं और कंबल देकर चले जाते हैं।

धिमिश्री निवासी सुभाष (55) का कहना है कि वह बेलदारी करता है। काम नहीं मिलता तो जेब में किराय नहीं होता है। ऐसे भी फुटपाथ पर सोने की मजबूरी हो जाती है। उसके पास आधार कार्ड नहीं है, इसलिए रैन
बसेरे में ठहरने नहीं दिया जाता है।

कोसीकलां निवासी सत्यप्रकाश का कहना है कि उसके माता-पिता की मौत हो गई है। भाई ने पूरी जायदाद पर कब्जा कर लिया और मारपीट करके उसे घर से निकाल दिया। इसलिए दो साल से आगरा में रहकर फुटपाथ पर रात गुजारता है।

वैसे बताया जाता है कि शहर में 12 शेल्टर होम हैं। सर्द रातों में लोगों को ठंड से बचाने के लिए नगर निगम गैस हीटर की व्यवस्था करता है। नगर निगम के कर्मचारी गैस हीटर सभी 12 शेल्टर होम पर जलाते हैं। इसके साथ ही एसएन मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, ईदगाह बस स्टैंड, आईएसबीटी, कमिश्नर कैंप कार्यालय, आगरा छावनी (अटल चोक) पर व्यवस्था की जाती है। निगम ने कुछ शेल्टर होम पर हीटर जलाना शुरू कर दिया है।

आईएसबीटी के प्रभारी चंद्र हंस ने बताया कि आईएसबीटी पर यात्रियों के लिए रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही नगर निगम ने गैस हीटर दिया लगवाया है।

-एजेंसी