लंदन के हाईगेट कब्रिस्तान में दो मीटर लंबा और एक मीटर चौड़ा प्लॉट नंबर 18946 चिर निद्रा के लिए अच्छी जगह है। पड़ोस में दूसरी ओर प्लॉट नंबर 24748 पर कार्ल मार्क्स की मूल कब्र है। हाईगेट कब्रिस्तान ट्रस्ट के प्रमुख इयान डंगावेल कहते हैं, प्लॉट 18946 का मूल्य अधिक है। शानदार आवासों के समान कब्र के लिए भी स्थान का महत्व है।
मार्क्स ने लिखा था, अमीर (बुर्जुआ) अपनी कब्र खुद खोदते हैं। उन्होंने दुश्मन की क्षमता को कम आंका था। बुर्जुआ कब्र बेचते हैं और अब तो पुरानी कब्र बेचने लगे हैं। लंदन के पुराने कब्रिस्तानों में सौ साल से अनछुई कब्र खोली जाने लगी हैं। उनमें नए शवों को दफनाया जा रहा है। इसके लिए मनचाहा पैसा लिया जाता है।
इस साल ब्रिटिश संसद ने हाईगेट की पुरानी कब्र के इस्तेमाल का कानून पास किया है। लंदन के अन्य कब्रिस्तान कई वर्षों से ऐसा कर रहे हैं। पुरानी कब्र का फिर से उपयोग करने के लिए पिछली अंत्येष्टि कम से कम 75 साल पहले होना चाहिए। पुराने शवों के ताबूतों को वहीं रखा जाता है या और गहराई में दफनाते हैं या किसी अन्य स्थान पर ले जाते हैं। लंदन में कब्र की नई जगह की कीमत दस लाख रुपए से लेकर 22 लाख रुपए तक हो सकती है। पुरानी कब्र का मूल्य इससे कम रहता है।
कब्रों का फिर इस्तेमाल चौंकाता है पर यह एक लंबी परंपरा की वापसी है। सदियों पहले ऐसा होता था। हैजा फैलने सहित कई अन्य समस्याओं के बाद दोबारा उपयोग बंद कर दिया गया था। 1832 में बने कानून के बाद लंदन में हाईगेट सहित सात प्राइवेट कब्रिस्तानों का निर्माण हुआ। इसके साथ कब्र के लिए प्लॉट बिकने लगे। हाईगेट की कुछ कब्रों का अगले साल फिर इस्तेमाल होने लगेगा।
शवदाह की शुरुआत
समूचे ब्रिटेन में कब्रों के लिए जगह की कमी महसूस की जा रही है। खासतौर से राजधानी में यह ज्यादा है। 2011 में एक ऑडिट में पाया गया कि हालांकि लंदन की कुछ बस्तियों में बीस साल तक शव दफनाने की जगह है पर अन्य कब्रिस्तान पूरी तरह भर चुके हैं। शव जलाने का विकल्प भी आजमाया जाने लगा है। 78% लोग अब इस विकल्प को चुन रहे हैं।
-एजेंसी