लखनऊ: यूपी के कौशांबी जिले के बहुचर्चित रामबाबू तिवारी आत्महत्या कांड में राजनीति तेज है। बेटे पर बच्ची से दुष्कर्म केस मामले के बाद रामबाबू की मौत ने सियासी दलों के नेताओं को दो धड़ों में बांट दिया है। नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी को घेरा है। अखिलेश यादव ने इस मामले को भाजपा की अंदरूनी लड़ाई से जोड़ा है। अखिलेश ने आरोप लगाया है कि दोनों उपमुख्यमंत्री दो समाज को लड़वा रहे है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कौशांबी में भाजपा की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में अब दो भाजपाई उप मुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का नाम लिए बिना अखिलेश ने कहा कि पहले एक उप मुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए पाल समाज के लोगों को मोहरा बनाया, फिर दूसरे उप मुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई, जो समाज इन दोनों के ऊपर वालों को नहीं भाता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि इसीलिए पीछे से वो भी सक्रिय हो गए, जिनकी पहले वाले उप मुख्यमंत्री से पुरानी खींचातानी है और फिर इन ऊपर वालों के ऊपर वालों की भी आपस में टकराहट है, इसीलिए केंद्र वाले, कौशांबी की राजनीति करने वालों के साथ खड़े हैं। ध्यान से समझा जाए तो ये भाजपा की अंदर की राजनीति में मचा एक बड़ा घमासान है, जिसमें दो या दो से अधिक समाजों को आपस में भिड़वाकर कौशांबी, लखनऊ, दिल्ली की भाजपाई राजनीति अपना वीभत्स खेल-खेल रही है, जिसका शिकार जनता हो रही है। इस लड़ाई में वो भी कूद पड़े हैं, जिनका समाज सत्ता सजातीय राजनीति का विशेष रूप से शिकार है और लगातार सत्ता के निशाने पर है, जिसके कारण दूसरे उप मुख्यमंत्री अपने समाज पर हो रहे अत्याचार और अपमान पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सुविधाजनक चुप्पी साधे बैठे हैं।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का नाम लिए बिना अखिलेश यादव ने कहा कि कौशांबी के मामले में उनको लगा कि जब वो कुछ सक्रियता दिखाएंगे तो शायद सत्ता द्वारा निरंतर उत्पीड़ित व अपमानित किए जा रहे उनके अपने समाज में वो मुंह दिखाने लायक बन जाएंगे। सच तो ये है कि भाजपाइयों को जनता या किसी समाज की कुछ नहीं पड़ी है, सब अपनी-अपनी खो चुकी जमीन की संभावना फिर से तलाशना चाहते हैं, लेकिन अब जनता बहुत चौकन्नी और जागरूक है, वो भाजपा की विभाजनकारी नकारात्मक राजनीति को अब और पनपने नहीं देगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि शीर्ष भाजपाइयों और शिखर भाजपाइयों के आपसी झगड़े के कारण, हर वर्ग और समाज बीच में पिस रहा है। सच्चाई तो ये है कि समाज को बांटना और लड़ाना ही भाजपाइयों की पुरानी साजिशाना सियासत रही है, जिसे उन्होंने उन अंग्रेज़ों से सीखा है, जिनका उन्होंने हमेशा साथ दिया था। कौशांबी भाजपा के अन्याय का शिकार है। भाजपा से हर वर्ग और समाज को अब और भी सचेत व सतर्क रहना पड़ेगा, नहीं तो ये भाजपाई समाजों के बीच आग लगाकर अपनी सियासी रोटी सेंकने में लगे रहेंगे,एक को फंसाकर आत्महत्या पर मजबूर करेंगे तो दूसरे पर इनाम घोषित करवाएंगे। कौशांबी का बच्चा-बच्चा जानता है कि सच क्या है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राजनीति को इस स्तर पर ले जाएगी किसी ने सोचा भी न था। अब जनता भाजपा की बंटवारे की इस राजनीति को समझ रही है और समझदारी से इनके ख़िलाफ़ एकजुट हो रही है। यही कारण है कि जहां भी कुछ लोग और समाज भाजपा के खिलाफ जाते दिखते हैं ये भाजपाई उनके बीच झूठे आरोप-प्रत्यारोप और एफ़आईआर-मुक़दमों की दीवार खड़ी कर देते हैं। भाजपा के सियासी षड्यंत्र का मुक़ाबला समाज की एकता ने देना शुरू कर दिया है। इसीलिए हर पीड़ित-उत्पीड़ित भाजपा को हराने-हटाने के लिए लामबंद हो गया है। भाजपाई नाइंसाफ़ी हारेगी।
बता दें कि कौशांबी के लोहंदा गांव की मासूम से दुष्कर्म का आरोप रामबाबू तिवारी के बेटे सिद्धार्थ पर लगा था। सिद्धार्थ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज गयी थी। रिपोर्ट दर्ज होने के लगभग एक हफ्ते बाद रामबाबू ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया। मामले में दुष्कर्म पीड़िता के पिता सहित दो लोगों को पुलिस ने दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सियासत शुरू हो गई। वहीं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा। इस संबंध में डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव गृह को जांच के निर्देश भी दे दिए।