पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बीती रात नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया है. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी एफ़आईए साइफ़र (कूट संदेश) मामले की जांच कर रही है और इसी सिलसिले में शाह महमूद क़ुरैशी को गिरफ़्तार किया गया है.
गिरफ़्तारी से कुछ घंटे पहले ही शाह महमूद क़ुरैशी ने चुनावों में हो रही देरी को लेकर सरकार की आलोचना की थी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पहले से ही तोशाखाना मामले में जेल में बंद हैं. शाह महमूद क़ुरैशी पीटीआई के उपाध्यक्ष हैं और इमरान ख़ान के जेल जाने के बाद पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों में है.
गिरफ़्तारी से कुछ देर पहले ही एक प्रेस वार्ता में शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा था कि आगामी चुनावों में संकट में घिरी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ़ को चुनाव लड़ने के लिए बराबरी का मौका मिलना चाहिए.
किस मामले में गिरफ़्तार?
शाह महमूद क़ुरैशी को 15 अगस्त को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (गोपनीयता क़ानून) के तहत दर्ज एफ़आईआर के संबंध में गिरफ़्तार किया गया है. इस एफ़आईआर में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का भी नाम है.
हाल ही में अमेरिकी मीडिया संस्थान द इंटरसेप्ट ने पाकिस्तान का एक गुप्त डिप्लोमैटिक केबल प्रकाशित किया था. ये इमरान ख़ान के पास था और ग़ायब हो गया था.
अटक जेल में बंद इमरान ख़ान से कुछ दिन पहले एफ़आईए ने साइफ़र केस के संबंध में पूछताछ की थी.
इमरान ख़ान ने ये दावा किया था कि उन्हें अमेरिका के षड्यंत्र के बाद सत्ता से हटा दिया गया था. इमरान ख़ान का दावा था कि इस साइफ़र में अमेरिका के उन्हें सत्ता से हटाने की धमकी थी.
अपनी गिरफ़्तारी से कुछ देर पहले शाह महमूद क़ुरैशी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीटीआई के नेताओं को गिरफ़्तार किया जा रहा है और बाद में जब उन्हें रिहा किया जाता है तो वो कहते हैं कि वो पीटीआई से अलग हो रहे हैं.
क़ुरैशी ने कहा था, “कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक़ काकड़ का कहना है कि वो स्वतंत्र चुनाव करायेंगे. वो बतायें कि ऐसे माहौल में वो कैसे निष्पक्ष चुनाव करा पायेंगे. मैं पाकिस्तान के चीफ़ जस्टिस और चुनाव आयुक्त से अपील करता हूं कि वो चुनावों में सभी के लिए बराबरी का मौका मुहैया करायें.”
शाह महमूद क़ुरैशी की गिरफ़्तारी की पुष्टि करते हुए पीटीआई नेता ज़ुल्फ़ी बुखारी ने सोशल प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि हमारे नेता को एक बार फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया है.
एफ़आईए ने क़ुरैशी की गिरफ़्तारी की पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्हें साइफ़र मामले में गिरफ़्तार किया गया है और इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा.
एफ़आईआर में क्या है?
जानकारी के मुताबिक़ इमरान ख़ान और शाह महमूद क़ुरैशी पर साइफ़र ग़ायब करने और व्यक्तिगत फ़ायदे के लिए इसका इस्तेमाल करने के आरोप हैं.
एफ़आईआर के मुताबिक ‘उन्होंने साइफ़र में मौजूद जानकारी को अनाधिकृत लोगों को बताया था तथ्यों से छेड़छाड़ की थी.’
एफ़आईआर में दावा किया गया है कि इमरान ख़ान ने इस साइफ़र को अपने पास रख लिया था और इसे वापस विदेश मंत्रालय को नहीं भेजा था.
एफ़आईआर में ये भी दावा किया गया है कि इमरान ख़ान के साइफ़र को अपने पास रखने से ख़ुफ़िया संदेशों की पूरी सुरक्षा प्रणाली ख़तरे में पड़ गई और इससे पाकिस्तान को नुक़सान हुआ.
गिरफ़्तारी से पहले अमेरिकी राजनयिकों से मुलाक़ात
गिरफ़्तारी से पहले प्रेस कांफ्रेंस में शाह महमूद क़ुरैशी ने बताया था कि उन्होंने अमेरिकी राजदूत सहित कई विदेशी राजनयिकों के साथ नाश्ते पर मुलक़ात की है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मुलाक़ात के दौरान साइफ़र मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई और ना ही उन्होंने इमरान ख़ान की रिहाई में मदद करने का अनुरोध किया.
क़ुरैशी ने बताया है कि उन्होंने मुलाक़ात के दौरान अमेरिकी राजदूत को पाकिस्तान के हालात की जानकारी दी और इस पर अपना पक्ष रखा.
उन्होंने मीडिया के उन दावों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि क़ुरैशी इमरान की रिहाई में मदद की ग़ुहार लगाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से मिले थे.
एक कप चाय और क़ुरैशी गिरफ़्तार
इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के बाद जब क़ुरैशी अपने घर पहुंचे तो उनके लिए चाय तैयार थी. वो चाय पी ही रहे थे कि उनका कर्मचारी दौड़ता हुआ आया और बताया कि बाहर पुलिस आई है. कर्मचारी ने कुरैशी को बताया कि पुलिस कह रही है कि वो आपको गिरफ़्तार करने आई है. ये सुनते ही कुरैशी ने अपने राजनीतिक सचिव तौसीफ़ अब्बासी से कहा कि वो पार्टी के नेताओं और परिजनों से कह दें कि ‘मैं हिम्मत नहीं हारूंगा और अपने मिशन से पीछे नहीं हटूंगा.’
अब्बासी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि उन्होंने क़ुरैशी का ये संदेश पार्टी नेताओं और उनके परिजनों को दे दिया है.
अब्बासी के मुताबिक़ क़ुरैशी ने गिरफ़्तारी से पहले कहा था कि वो चाहते हैं उनके लिए कुछ किताबें और ज़रूरी चीज़ें एफ़आईए के दफ़्तर भिजवा दी जाएं.
अब्बासी के मुताबिक़ कुरैशी ने अपनी गिरफ़्तारी का विरोध नहीं किया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि पुलिस उनके घर में तोड़फोड़ करे. क़रीब 50-55 पुलिसकर्मी क़ुरैशी को गिरफ़्तार करने पहुंचे थे.
Compiled: up18 News