आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान को पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से मदद का ऐलान किया गया है। साथ ही सऊदी अरब ने भी देश को आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है, लेकिन इसके बाद भी देश की स्थिति जल्द सुधरती नहीं दिख रही है।
हालातों के मद्देनजर पाकिस्तान की सरकार ने फैसला किया है कि वह इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ठेके पर देगी। पाकिस्तान के अखबार डॉन की तरफ से यह जानकारी दी गई है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार अगस्त में कार्यभार अंतरिम सरकार को सौंप देगी।
12 अगस्त तक पूरी होगी प्रक्रिया
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बताया है कि सरकार ने एयरपोर्ट को आउटसोर्स करने के लिए संबधित पार्टियों से बातचीत कर ली है। साथ ही उन्हें 12 अगस्त तक सारी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के हवाले से अखबार ने जानकारी दी है कि डार ने शनिवार को आउटसोर्सिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कमेटी की एक मीटिंग की। इसके साथ ही उन्होंने प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश जारी किए। 13 अगस्त को देश की वर्तमान सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
विश्व बैंक को दी गई जानकारी
इसी मीटिंग में वित्त मंत्री ने संबंधित विभागों को नागरिक उड्डयन कानूनों में बदलाव को अतिम रूप देने का निर्देश दिया है। साथ ही बताया जा रहा है कि उन्होंने इस महीने के अंत तक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के पुनर्गठन की योजना तैयार करने के आदेश भी दिए हैं।
कानून में बदलाव का मकसद पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) और एयरपोर्ट सिक्योरिटी के कामों को अलग-अलग करना है ताकि ओवरलैपिंग जिम्मेदारियों को खत्म किया जा सके। मीटिंग के बाद जारी आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि आउटसोर्सिंग के बारे में विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) को जानकारी दी गई है।
क्यों लिया गया यह फैसला
पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति ने 31 मार्च को इस्लामाबाद, लाहौर और कराची हवाई अड्डों पर ऑपरेशन और भूमि संपत्तियों को 25 साल तक आउटसोर्स करने का फैसला लिया था। इन केंद्रों पर ऑपरेशन बढ़ाने के लिए इन्हें पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी में चलाया जाएगा ताकि विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा मिल सके। पाकिस्तान इस समय गंभीर भुगतान संतुलन संकट और गिरते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। उसे पिछले दिनों आईएमएफ की तरफ से तीन अरब डॉलर की मदद दी गई है। आईएमएफ, स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) के तहत नौ महीनों में पाकिस्तान को कुल राशि उपलब्ध कराएगा।
Compiled: up18 News