पाक सेना के विशेषज्ञों ने माना, मोदी राज में पाकिस्‍तानी अस्तित्‍व के लिए बड़ा खतरा बना ‘भारत’

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पाकिस्‍तान की आजादी पर आयोजित इस्‍लामाबाद कान्‍क्‍लेव 2022 चर्चा में पाकिस्‍तान के पूर्व ज्‍वाइंट चीफ ऑफ स्‍टॉफ कमेटी रिटायर जनरल जुबैर हयात ने अपने भाषण में कहा कि भारत पाकिस्‍तान के अस्तित्‍व को स्‍वीकार नहीं करता है और विभिन्‍न मोर्चों पर हमारे के लिए चुनौती पेश करता है। इस वजह से भारत का खतरा अभी खत्‍म नहीं हुआ है। जुबैर हयात ने कहा कि भारत के नेता भी 1947 के बंटवारे को ऐतिहासिक गलती मानते हैं। जुबैर ने भारत के सर्जिकल स्‍ट्राइक और साल 2019 में ऑपरेशन बालाकोट का भी जिक्र किया।

बांग्‍लादेश के जन्‍म पर जनरल की हताशा साफ झलकी

जनरल जुबैर ने कहा कि पाकिस्‍तान की धरती पर पहली बार हमला किया गया। उन्‍होंने ब्रह्मोस मिसाइल के दुर्घटनावश पाकिस्‍तान में गिरने का भी उल्‍लेख किया। बांग्‍लादेश के जन्‍म पर जनरल जुबैर की हताशा साफ झलकी। उन्‍होंने रिटायर जनरल बाजवा के उस बयान से अपनी सहमति जताई जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पूर्वी पाकिस्‍तान में हुई हार सेना के कारण नहीं, बल्कि राजनीतिक नेताओं की वजह से हुई थी। बता दें कि जनरल बाजवा के बयान को खुद उन्‍हीं के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी खारिज कर चुके हैं।

पाकिस्‍तान के एयर यूनिवर्सिटी इस्‍ला‍माबाद में विशेषज्ञ डॉक्‍टर आदिल सुल्‍तान ने कहा कि विदेशी माहौल ऐसा है कि पाकिस्‍तान को आर्थिक संकट के बाद भी परमाणु और परंपरागत हथियारों पर अपना फोकस बरकरार रखना होगा।

सुल्‍तान ने कहा कि भारत बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम, एंटी सैटलाइट वेपन, हाइपरसोनिक मिसाइल, एक साथ कई परमाणु बम ले जाने वाली मिसाइल, पनडुब्‍बी से दागे जाने वाली मिसाइल जैसी नई तकनीक को शामिल कर रहा है। यह पाकिस्‍तान की प्रतिरोधक क्षमता की परेशानी को बढ़ाएगा। वहीं पाकिस्‍तानी लेखक जावेद जब्‍बार ने सलाह दी कि पाकिस्‍तान को अपनी जनसंख्‍या की बढ़त को कंट्रोल करने की जरूरत है।

Compiled: up18 News