देश में बढ़ती आबादी को लेकर इन दिनों सियासी माहौल गर्माया हुआ है। RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। एक वर्ग की ओर से जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की जा रही है।
अब ओवैसी ने अपने बयान से नए विवाद को जन्म दे दिया है। ओवैसी का कहना है कि वह ऐसे किसी कानून के समर्थन नहीं करेंगे, जिसमें दो बच्चे पैदा करने की सीमा तय कर दी जाए। उन्होंने इस तरह के कानून का विरोध करने की भी बात कही और उसकी वजह भी बताई।
असदुद्दीन ओवैसी ने चीन का दिया हवाला
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने बच्चे दो ही अच्छे कानून का समर्थन नहीं करने के पीछे अहम वजह बताई। उन्होंने चीन का हवाला देते हुए कहा कि ‘हमें चीन की गलती नहीं दोहरानी चाहिए। ‘मैं ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करूंगा, जिसमें दो बच्चों की नीति बनाने की बात हो। इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा।’
मोहन भागवत पर पलटवार
ओवैसी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाए जाने के बयान पर पलटवार करते हुए पूछा कि, वे बेरोजगारी पर क्यों नहीं बोलते हैं
देश में बेरोजगारी एक ज्वलंत मुद्दा है। ओवैसी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि भागवत को संविधान पढ़ने की जरूरत है। ओवैसी ने ये सवाल भी उठाया कि भारत में एक समुदाय के खिलाफ नफरत का भाव क्यों है? भारत सभी धर्मों को मानता है, ये भारत की खूबसूरती है लेकिन कुछ लोग इसे बिगाड़ने पर तुले हैं।
पहले भी जनसंख्या पर दे चुके बयान
ये पहला मौका नहीं जब बढ़ती जनसंख्या पर उठे विवाद के बीच असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई हो। इससे पहले भी ओवैसी अपने बयान से विवाद खड़ा कर चुके हैं।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि देश में जनसंख्या में इजाफे के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ये दावा किया था कि गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने में मुस्लिम समुदाय सबसे आगे रहा है।
दरअसल, ओवैसी का ये रिएक्शन यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि एक वर्ग की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने से अराजकता फैल जाएगी और जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।
-एजेंसी
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