ईरान में हिजाब को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर सख़्त कार्रवाई के आदेश

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राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने विरोध प्रदर्शनों से ‘सख़्ती से निपटने’ की बात कही है. ये विरोध-प्रदर्शन अब देश के 31 से अधिक प्रांतों में फैल चुके हैं

अधिकारियों के मुताबिक़ महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद अब तक अलग-अलग जगह विरोध-प्रदर्शनों में क़रीब 35 लोगों की मौत हुई है.

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव लगातार जारी हैं.

महसा अमीनी को हिजाब के नियम तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर न सिर्फ़ अमीनी के साथ मारपीट की बल्कि उनका सिर वाहनों से टकराया.

पुलिस का कहना है कि अमीनी के साथ बदसलूकी के कोई सबूत नहीं हैं और उनकी मौत ‘अचानक आए हार्ट अटैक’ से हुई है.

राष्ट्रपति रईसी ने कहा है कि अमीनी की मौत की जांच की जाएगी. वहीं, ईरान के गृह मंत्री अहमद वहीदी ने दावा किया है कि हिरासत में अमीनी के साथ मारपीट नहीं हुई.

उन्होंने कहा, ‘‘निगरानी एजेंसियों की ओर से रिपोर्ट मिली है, प्रत्यक्षदर्शियों से साक्ष्य जुटाए गए हैं, वीडियो मिले हैं, फ़ोरेंसिक नज़रिया भी लिया गया है और इस सब से स्पष्ट हुआ है कि अमीनी के साथ मारपीट नहीं हुई.’’

ड्रेस कोड ख़ारिज करने की मांग

सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो दिखाते हैं कि कैसे ईरान के कई शहर बीते कुछ दिनों में हिंसा की आग में झुलसे हैं. कई शहरों में सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोली चलाते हुए भी दिखे.

राजधानी तेहरान के साथ ही कई अन्य शहरों में शनिवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की ख़बरें आई हैं. एक ही जगह इकट्ठा होने की बजाय प्रदर्शनकारी अब अलग-अलग जगहों पर फैल रहे हैं.

कुछ तस्वीरों में यह भी दिखा है कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर पेट्रोल बम फेंके.

इस बीच सुधारवादी समूह यूनियन ऑफ़ इस्लामिक ईरान पीपल्स पार्टी ने ज़रूरी ड्रेस कोड खारिज करने और ‘शांति पूर्ण प्रदर्शन’ की अनुमति देने की मांग की है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि जो सबूत उसे मिले हैं उनमें ईरानी सुरक्षाबल बेहिचक और गैरकानूनी ढंग से लोगों पर हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इनका दावा है कि सरकारी सुरक्षाबलों ने बुधवार रात में हीको तीन बच्चों समेत 19 लोगों को गोली मारी.

सैकड़ों लोग को हिरासत में

राष्ट्रपति रईसी ने विरोध प्रदर्शनों को ‘दंगे’ मानने से इंकार कर दिया है.उन्होंने कहा कि ‘‘देश की सुरक्षा और शांति के ख़िलाफ़ खड़े लोगों से सख़्ती से निपटा जाएगा.’’

ईरान में सुरक्षाबलों ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है. गुइलान प्रांत के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिर्फ शनिवार को ही 60 महिलाओं समेत 739 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

हिरासत में लिए गए कुछ लोगों से बातचीत में पता लगा है कि उनके साथ बुरी तरह मारपीट हुई है. उन्हें खाने पीने को कुछ नहीं दिया जा रहा, यहां तक कि टॉयलेट की सुविधा भी नहीं है.

सरकार ने स्वतंत्र मीडिया और एक्टिविस्टों के खिलाफ अभियान शुरू किया है. एक अमेरिकी संस्था के मुताबिक सोमवार से अब तक करीब 11 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है.

देश की पश्चिमी सीमा पर बसे ओश्नावीह शहर में सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों को खदेड़कर शहर में कब्जा कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को उग्र प्रदर्शनकारियों को देखकर सरकारी अधिकारी भाग खड़े हुए.

हालांकि सरकारी मीडिया ने इन दावों को खारिज किया है. सरकारी मीडिया ने यह माना है कि कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा चौकियों पर धावा बोला.

-एजेंसी