अमेरिकी अरबपति व्यवसायी जॉर्ज सोरोस की ओर से वित्त पोषित संस्था ‘ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदानी परिवार के क़रीबियों ने भारतीय शेयर मार्केट में लाखों डॉलर निवेश करके अदानी समूह की कंपनी के शेयर खरीदे. इस रिपोर्ट को अदानी समूह ने खारिज किया है.
अब इस मामले में विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते हुए कहा है कि सच सामने लाने का एक ही तरीका है कि मामले की जेपीसी जांच हो.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा- “अमेरिका, ब्रिटेन और भारत के अख़बारों में पीएम मोदी के एक ‘दोस्त’ द्वारा सेबी नियमों के उल्लंघन की सामने आई है.”
“अगर देश के सामने सच लाना है तो एकमात्र रास्ता जेपीसी जांच ही है. हम इम मामले में जेपीसी जांच की अपनी मांग दोहराते हैं.”
जयराम रमेश ने ये भी कहा है कि शाम को राहुल गांधी इस मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करेंगे.
क्या है पूरा मामला
अदानी ग्रुप पर आरोप लगाने वाली इस रिपोर्ट को ब्रिटेन के दो अख़बारों ने छापा है.
फ़ाइनेंशियल टाइम्स और गार्डियन में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार ‘अदानी परिवार से जुड़े लोग सालों तक छुप-छुप कर अदानी ग्रुप के शेयर ख़रीदते रहे. ये वो समय था जब अदानी की कंपनी तेज़ी से आगे बढ़ रही थी और वो देश के सबसे अमीर शख़्स बन गए थे.’ अदानी समूह ने रिपोर्ट को ख़ारिज किया है.
अदानी ग्रुप ने कहा है, “हम इस रिपोर्ट को पूरी तरह ख़ारिज करते हैं. ये रिपोर्ट आधारहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए जॉर्ज सोरोस की संस्था और विदेशी मीडिया के एक वर्ग की कोशिश है.”
“एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और अपैलेट ट्रिब्यूनल दोनों ने पुष्टि की थी कि सारे लेनदेन कानून के अनुसार थे.”
इस साल जनवरी में न्यूयॉर्क की फाइनेंशियल फ़र्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि अदानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 7 प्रमुख कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं. इसके बाद कंपनी के शेयर तेज़ी से गिरने लगे.
Compiled: up18 News
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