लगातार बढ़ता जा रहा है युवाओं में ऑनलाइन डेटिंग यानी किटनफिशिंग क्रेज..

Life Style

ऑनलाइन डेटिंग यानी घर बैठे अपना साथी खोजने का एक बेहतरीन और एक्साइटिंग जरिया। कई लोगों के लिए यह दोस्ती बढ़ाने का प्लैटफॉर्म है, तो कइयों को अपना जीवन साथी भी इन डेटिंग वेबसाइट्स के जरिए मिल जाता है। लेकिन लॉकडाउन के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें लड़के इसका इस्तेमाल सामने वाले को अपने जाल में फंसाने के लिए कर रहे हैं।

हाल में एक डॉक्यूमेंट्री ‘The Tinder Swindler’ और इससे पहले साल 2010 में हॉलिवुड की एक फिल्म ‘ट्रस्ट’ में ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स पर हो रही धोखाधड़ी के बारे में बखूबी बताया गया था। दरअसल, कोरोना काल में डिजिटल मीडिया और इंटरनेट पर लोगों का भरोसा और भी मजबूत हुआ है। कई बार इन साइट्स पर लोगों को सच्चा प्यार मिल जाता है, तो कई बार इस राह में धोखे भी खाने को मिलते हैं। किटनफ़िशिंग भी आज के दौर का ऐसा ही एक धोखा है।

किटनफ़िशिंग में लड़के का मकसद एक बार लड़की को मिलने के लिए बुलाना होता है। उसे लगता है एक बार लड़की पकड़ में आ गई, तो फिर वह अपनी बातचीत से उसको इंप्रेस कर ही लेगा। इसके लिए वह डेटिंग ऐप पर खुद को बेहतर दिखाने के लिए अपनी अपीयरेंस से लेकर डिटेल तक में बदलाव करने से नहीं चूकता। कई बार यह बदलाव इतना भयानक होता है कि वह ऐसा व्यक्ति बन जाता है, जिसका कोई वजूद ही नहीं है।

एक स्टडी में भी यह निकल कर आया है कि किटनफिशर्स पहली बार डेट पर जाने के लिए यह सब करते हैं और सोचते हैं कि बाद में वे आमने-सामने बैठकर अपनी पर्सनैलिटी, बातों, चार्म, ह्यूमर से अपनी डेट को जीत लेंगे। यही नहीं, एक ही व्यक्ति अपने कई प्रोफाइल तैयार कर लेता है, जिसे वह सामने वाले की पर्सनैलिटी के हिसाब से डिस्प्ले करता है। इसमें अपनी हाइट या उम्र को बढ़ा या घटा कर बताना, पुरानी फोटो अपलोड करना, जॉब के टाइटल को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना, तस्वीरों में यह दिखाना कि आप लैविश लाइफ जी रहे हैं, अपने कुछ खास फीचर्स को ही दिखाना जैसे फ्रॉड शामिल हैं।

वर्चुअल दुनिया में जरूरी नहीं कि जो आप देख रहे हैं, वह सच हो। ऐसे कई टूल हैं, जो उनकी रियल पहचान को आसानी से छिपाकर सामने वाले को गुमराह कर सकते हैं। ऐसे लोग अक्सर अपने परिवार वालों के बारे में ऐसी बातें करते हैं, जिनसे लड़की उनसे इमोशनल तौर पर जुड़ जाए। किटनफिशर्स का मकसद आपको फसाना है। इसलिए लंबे समय तक किसी के साथ डेटिंग साइट में केवल बातचीत ही न करते रहें। जितना जल्दी हो सके, एक बार मुलाकात कर लें क्योंकि लंबा कम्युनिकेशन रखने से आपको उनसे लगाव हो सकता है और आप उनकी बातों से अट्रैक्ट हो सकती हैं। इसके बाद फिर जब आप उनसे सामने मिलती हैं और फिर आपको यह लगे भी कि आपके साथ धोखा हुआ है, तो हो सकता है कि उस समय तक आपके लिए उनसे अलग होना मुश्किल हो जाए। एक बात जान लें कि ऐसे लोग अपने बारे में ज्यादा कुछ बताने से हिचकते हैं, वे डिटेल नहीं देना चाहते हैं। अगर आप समय रहते उनकी एक्टिविटीज समझ जाएंगी, तो उनके चंगुल में आने से बच सकती हैं।’

कितने युवा ले रहे हैं किटनफिशिंग का सहारा?

एक एनजीओ के आंकड़ों के मुताबिक, तकरीबन 27 फीसदी युवक लड़की से मिलने के लिए किटनफिशिंग का सहारा लेते हैं। यह लेटेस्ट टॉक्सिक डेटिंग ट्रेंड इतनी तेजी से पांव पसार रहा है कि इंटरनैशनल पुलिस यानी इंटरपोल ने पिछले दिनों अपने 194 सदस्य देशों को डेटिंग एप्लिकेशन को लेकर नोटिस जारी किया है। यह सिर्फ युवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि शादीशुदा लोग भी काफी बड़े पैमाने पर किटनफिशिंग का सहारा ले रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा नहीं है कि वे अपनी वाइफ को प्यार नहीं करते या उसे छोड़ना चाहते हैं, लेकिन वे लाइफ को एक्सप्लोर करने के लिए यह सब कर रहे हैं।

ट्रस्टीफाई इंफो के एक सर्वे में 55 फीसदी पुरुषों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने नकली आईडी बनाकर जीवन में एक न एक बार अपनी पत्नियों को धोखा दिया है। वहीं, 32 फीसदी पुरुषों ने ऑनलाइन डेटिंग में लड़कियों के साथ चीटिंग की बात को स्वीकार किया है। रिसर्च डेटिंग ऐप ओकेक्यूपिड की एक रिसर्च के मुताबिक, ऐप में पुरुष आमतौर पर अपनी हाइट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, वहीं महिलाएं अपने वेट को लेकर कॉन्शस होती हैं। इस समय लगभग 33 करोड़ लोग डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इस साल के आखिर तक 43 करोड़ हो जाएंगे। इस स्टडी के मुताबिक, लॉकडाउन में मार्च 2020 से मई 2022 के बीच करीब 113 फीसदी यूजर बढ़े, जो पहले मात्र 8 लाख थे। 9 लाख की बढ़ोतरी के साथ 2 साल में 17 लाख यूजर हो गए। इसमें से 60 फीसदी यूजर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों के हैं।

किटनफिशिंग करने वालों की अपने बारे में कैसी सोच होती है?

ऐसे लोग जो फेक अकाउंट्स बनाकर यह सब कर रहे हैं, वे अपनी पहचान को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं रहते। मैरिंगो क्यू आर जी हॉस्पिटल फरीदाबाद में क्लीनिकल सायकॉलजिस्ट डॉक्टर जया सुकुल कहती हैं, ‘सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि जो लड़के किटनफिशिंग करते हैं, उनका अटेंशन आपके लिए काफी गलत भी हो सकता है। क्राइम बढ़ने की यह भी एक वजह है। उनको लगता है कि अगर एक बार सामने वाला हमें समझ जाएगा, तो हमारे लुक्स से उनको इतना फर्क नहीं पड़ेगा।’

डॉ जया कहती हैं कि आजकल सोशल मीडिया के जमाने में लोग अपने आस पड़ोस या दोस्तों को देखते हैं, तो उनको लगता है कि उनकी लाइफ तो बहुत बढ़िया चल रही है। अपनी असल जिंदगी को ये लोग दूसरों की वर्चुअल जिंदगी से कंपेयर करने लगते हैं, जो टॉक्सिक होता है। यह तुलना लोगों को अकेलेपन का शिकार कर रही है, जिससे वे टेंशन में रहने लगते हैं। ऐसे ही लोग फिर सोशल मीडिया में फिर दूसरों को धोखा देने और उनके साथ गलत व्यवहार जैसी एक्टिविटीज करने की क्षमता रखते हैं। कई बार ये लोग क्रिमिनल माइंड भी हो जाते हैं और कई तरह की मेंटल प्रॉब्लम्स में फंस जाते हैं।

रिलेशनशिप एक्सपर्ट सपना चोपड़ा का भी मानना है कि डेटिंग ऐप पर अमूमन लोग डरते हैं कि उन्हें उनकी लाइफस्टाइल या किसी खास फीचर के लिए जज किया जाएगा और फिर वे इस स्टेप को उठाते हैं।

क्या किटनफिशिंग अपराध है?

डेटिंग साइट पर झूठ बोलकर दूसरे को धोखा देने को हालांकि अभी अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है, लेकिन डॉ जया कहती हैं कि बिना किसी कंसर्न और गलत जानकारी के दूसरे को बहकावे में लाने की कोशिश करना बहुत बड़ा अपराध है। यह किसी की पर्सनल लाइफ को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। हो सकता है इसके बाद किसी को अपनी नॉर्मल लाइफ में लौटने में बहुत समय लग जाए.

मेट्रो हॉस्पिटल में सायकायट्रिस्ट डॉ यतीश गुप्ता कहते हैं, ‘यह एक तरह का स्किजोटाइपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है। इसमें लोगों को लगता है कि वे अपने विचारों से दूसरे लोगों या घटनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर प्रतिदिन कई सौ करोड़ लोग पोस्ट करते हैं। कुछ ऐसा लिखते हैं, जो उनके विचार हैं नहीं। तो कोई ऐसी फोटो और वीडियो डालते हैं, जिनमें कई फिल्टर लगे होते हैं। ऐसे लोगों को झूठ में जीने की इतनी आदत पड़ जाती है कि एक समय बाद उनको फेक प्रोफाइल बनाकर दूसरे से बात करने में भी कोई बुराई नजर नहीं आती।’

इस तरह बचें?

प्रोफाइल में निजी जानकारियों न रखें।
अगर कुछ अस्वाभाविक लग रहा हो और आप असहज हों, तो नहीं बोलना सीखें।
कोई ऑनलाइन पसंद है, तो उसे समझने के लिए समय लें।
मुलाकात के लिए अकेले न जाएं।
नाम को गूगल सर्च करें।
जॉब के हिसाब से भी लोगों को परखें।

Compiled : up18 News