पीठ ने कहा, केवल अखबारों के पहले पन्ने के लिए हैं इस तरह के मामले
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘इस तरह के मुकदमे केवल (अखबारों के) पहले पन्ने के लिए हैं।’ पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। यह याचिका मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने दायर की थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक आदित्यनाथ ने 23 नवंबर 2018 को अलवर में एक चुनावी भाषण में उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया।
जिला कोर्ट ने भी खारिज कर दी थी याचिका
शीर्ष कोर्ट जाने से पहले याचिकाकर्ता ने मऊ की जिला कोर्ट के समक्ष उनके खिलाफ शिकायत दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने ऊपरी अदालत के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के आधार पर खारिज कर दिया गया था।
Compiled: up18 News