अब भारत ने पाकिस्‍तान पर की ‘डिप्लोमैसी स्ट्राइक’, पाक सबमरीन्स को बना दिया ‘कबाड़’

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इस बीच पाकिस्तानी नौसेना के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है. न तो उसके बेड़े की पनडुब्बियों के लिए बैटरी हैं और ना ही अंडरकंस्ट्रक्शन सबमरीन के लिए इंजन. सबमरीन चलाने के लिए बैटरी एक जरूरी चीज है.

पाकिस्तान ने सबमरीन की बैटरी के लिए ग्रीस के सामने हाथ फैलाया था. लेकिन उसने यह अनुरोध ठुकरा दिया. ग्रीस का पाकिस्तान को मना करना भारत के लिए बड़ी डिप्लोमैटिक जीत माना जा रहा है. ग्रीस ने इस बात का सबूत दिया है कि वह भारत का कितना अच्छा दोस्त है.

भारत ने की थी ये गुजारिश

दरअसल, भारत ने पिछले साल ग्रीस से पाकिस्तान को रक्षा सामग्री नहीं देने की गुजारिश की थी, जिसे मानते हुए ग्रीस ने पाकिस्तान को सबमरीन बैटरी देने से इनकार कर दिया. दरअसल पाकिस्तान ने फ्रांस में बनी पांच Agosta (तीन 9बी और दो 70बी) क्लास की सबमरीन्स के लिए बैटरी मांगी थी. पानी के नीचे होने पर पारंपरिक पनडुब्बियां बैटरी से एनर्जी लेती हैं. ग्रीस में नियम है कि अगर हथियारों को इंपोर्ट करना है तो विदेश मंत्रालय से इजाजत लेनी होती है.

आपको बता दें कि पाकिस्तान का दोस्त तुर्की ग्रीस का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी है. इसी को देखते हुए ग्रीस ने पाक की इस मांग को ठुकरा दिया. सूत्रों के मुताबिक ग्रीस की तरफ से नई बैटरियों के मना करने पर वह ग्रीक फर्म के एक सब-कॉन्ट्रैक्टर से मदद लेने की कोशिश कर रहा है.

खबरों के मुताबिक सर्विसिंग में भी उसको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल पाकिस्तान चारों ओर से मुसीबतों में घिरता नजर आ रहा है. चीन जो आठ हैंगर-क्लास सबमरीन बना रहा है, उसमें भी देर हो रही है.

सबमरीन मिलने में हो रही देरी

दरअसल, पाकिस्तान को पहली सबमरीन पिछले वर्ष के अगस्त और दूसरी पनडुब्बी मार्च 2023 तक मिलनी थी. इनमें से चार सबमरीन्स को चीन और बाकियों को कराची में बनाया जाना था. इसका इंजन पश्चिमी देशों से मिलना था, जिसकी वजह से देरी हो रही है. वह इसलिए क्योंकि चीन के पश्चिमी देशों के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं. इसी कारण वे चीन के साथ घातक हथियार को साझा नहीं करना चाहते. हालांकि इसका फायदा पाकिस्तान को होगा.

Compiled: up18 News