दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पहले वर्चुअल स्कूल के दावे को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान NIOS ने गलत बताया है.
NIOS ने कहा कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल केंद्र सरकार ने साल 2021 में खोला था ना कि 31 अगस्त को दिल्ली सरकार ने.
एनआईओएस ने कहा, ”भारत का पहला वर्चुअल स्कूल खोले जाने संबंधी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के संदर्भ में ये सूचित किया जाता है कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पहले ही पिछले साल अगस्त में लॉन्च कर चुका है.”
इससे पहले बुधवार को सीएम केजरीवाल ने देश का पहला वर्चुअल स्कूल खोलने का दावा किया था. उन्होंने कहा था, ”आज हम दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के तहत भारत का पहला वर्चुअल स्कूल ‘दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल’ की शुरुआत कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा था कि दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल में देश के किसी भी कोने से छात्र दाखिला ले सकते हैं. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है.
केजरीवाल के अनुसार इस स्कूल में विद्यार्थियों को आईआईटी जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी.
एनआईओएस ने बताया कि एनआईओएस के वर्चुअल स्कूल के लिए एनआईओएस से संबद्ध सात हज़ार से ज़्यादा अध्ययन केंद्र शैक्षणिक सहयोग और 1500 अध्ययन केंद्र कौशल आधारित वोकेशनल कोर्सेज में सहयोग दे रहे हैं. ये अध्ययन केंद्र लाइव इंटरेक्टिव क्लास भी शुरू करेंगे.
एनआईओएस ने जानकारी दी कि वर्चुअल स्कूल के साल 2021 में पहले सत्र में विद्यार्थियों ने 2.15 लाख असाइनमेंट्स अपलोड किए हैं. हाल ही में पूरे हुए शैक्षणिक सत्र में 4.46 लाख आइनमेंट्स अपलोड हुए हैं. उम्मीद है कि ये संख्या 10 लाख तक पहुंच सकती है.
-एजेंसी
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