कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाने वाले तुर्की की भारत ने दबाई कमजोर नस

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लीबिया के आंतरिक मामले में खुलकर दखल दे रहा तुर्की

समय पर चुनाव नहीं होने की वजह से अब पूर्वी लीबिया पर नियंत्रण रखने वाला गुट प्रधानमंत्री दबीबेह पर त्रिपोली की सत्ता छोड़ने को कह रहा है। गुट ने मार्च में दबीबेह सरकार को अवैध घोषित करते हुए फथी बाशागा के नेतृत्व में नई सरकार का ऐलान कर दिया। उसके ठीक बाद मार्चे में ही बागाशा ने त्रिपोली आने की कोशिश की लेकिन देबीबाह गुट ने उनके काफिले को रोक दिया। मई में उन्होंने फिर त्रिपोली आने की कोशिश की लेकिन कुछ देर तक चली गोलीबारी के बाद लौट गए। दूसरी तरफ, दबीबेह अड़े हैं कि वह केवल एक निर्वाचित प्रशासन को सत्ता सौंपेंगे। तुर्की ने 2020 में पूर्वी लीबिया पर नियंत्रण वाले गुट पर हमला भी किया था। वह पेट्रोलियम के मामले में धनी लीबिया पर ऐसी सरकार चाहता है जो उसके इशारों पर काम करे। लीबिया हर दिन 13 लाख बैरल तेल निकालता है। लेकिन राजनीतिक उठापटक की वजह से उसका तेल निर्यात प्रभावित होता आया है।

-एजेंसी