NIA का खुलासा: PFI के हवाला नेटवर्क की जड़ें संयुक्त अरब अमीरात में

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पीएफआई की बिहार में विदेशों से फंडिंग

बिहार और कर्नाटक से चल रहे पीएफआई फंडिंग-बाइ-हवाला मॉड्यूल का भंडाफोड़ एनआईए की टीमों ने किया। टीमों ने ये खुलासा कारसागोड, केरल और दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक में रविवार से व्यापक तलाशी के बाद किया। ये तलाशी आठ जगहों पर की गई और कई डिजिटल उपकरणों और करोड़ों रुपये के लेन-देन के विवरण वाले आपत्तिजनक दस्तावेजों को जब्त किया गया। इस दौरान पीएफआई के पांच सदस्य- मोहम्मद सिनान, सरफराज नवाज, इकबाल और अब्दुल रफीक एम के रूप में पहचाने गए। ये सभी कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले से हैं।

केरल के कारसागोड से आबिद केएम को पीएफआई की आपराधिक साजिश में कथित संलिप्तता के आरोप में दक्षिण कन्नड़ और कारसागोड से गिरफ्तार किया गया था। जबकि इकबाल और अन्य सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने दुबई और अबू धाबी से अवैध रूप से पैसा जुटाया किया और उन्हें मोहम्मद सिनान, अब्दुल रफीक एम और आबिद केएम को सौंप दिया। गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद सरफराज नवाज और मोहम्मद सिनान की भूमिका बैंक में जमा करने की थी। ये पैसे पीएफआई के संदिग्धों के खाते में डाले गए थे।

पीएफआई ने खाई थी आतंक की कसम

पीएफआई को पिछले साल 27 सितंबर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया था। हालांकि, एनआईए ने जुलाई 2022 से पीएफआई मामलों की जांच में पाया कि उसके नेता और कैडर प्रतिबंध से प्रभावित नहीं हुए। वो हिंसक उग्रवाद की विचारधारा का प्रचार करना जारी रखे हुए थे। इस दौरान वो सभी एक विशेष समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था भी कर रहे थे।

फुलवारीशरीफ और मोतिहारी में पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने भी बिहार में गुप्त तरीके से पीएफआई की गतिविधियों को जारी रखने की कसम खाई थी और हथियारों का इंतजाम तक कर लिया था। हाल ही में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक विशेष समुदाय के युवक को खत्म करने के लिए गोला बारूद मॉड्यूल के तीन गुर्गों को 5 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

फुलवारीशरीफ से खुलने शुरू हुए थे तार

सात आरोपी व्यक्तियों को पहले गिरफ्तार किया गया था। जब वे पिछले साल जुलाई में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में प्रशिक्षण और आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए एकत्र हुए थे। जुलाई 2022 से जांच के सुरागों का पीछा करते हुए, एनआईए की टीम ने पैसों की ट्रेल का का पीछा किया। केवल मोहम्मद सरफराज नवाज और मोहम्मद महम्मद सिनान तक पहुंचने के लिए, जो पीएफआई मामले में अभियुक्तों और संदिग्धों के बैंक खातों में जमा करते पाए गए थे।

Compiled: up18 News