NCERT ने कहा, स्‍कूली करिकुलम में ‘इंडिया’ को हटाकर ‘भारत’ किया जाना चाहिए

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अंग्रेजों ने दिया India नाम, भारत है देश का प्राचीन नाम’

आइजैक ने कहा कि सात सदस्यों वाली समिति ने एकमत से यह सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि ‘भारत युगों पुराना नाम है। भारत नाम का इस्तेमाल विष्णु पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है जो 7,000 साल पुराना है।’

आइजैक ने कहा, ‘इंडिया शब्द का प्रयोग आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना और 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही किया जाने लगा।’ इसलिए कमिटी ने सर्वसम्मति से सुझाव दिया है कि सभी कक्षाओं की किताबों में India की जगह भारत नाम यूज किया जाए।

देश का नाम ‘भारत’ करने की कवायद कब से

आधिकारिक रूप से भारत नाम पहली बार G20 शिखर सम्मेलन के दौरान लिखा गया। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से दिए गए डिनर इनवाइट में ‘President of India’ की जगह ‘President of Bharat’ लिखा गया। इसपर विपक्षी दलों ने खूब हल्ला मचाया। फिर G20 के मंच से पीएम मोदी की नेमप्‍लेट पर भी ‘Bharat’ लिखा नजर आया।

समिति की चली तो इतिहास पढ़ाने का अंदाज भी बदलेगा

आइजैक ने कहा कि बताया कि NCERT ने 2021 में विभिन्न विषयों पर पेपर तैयार करने के लिए 25 समितियां बनाई थीं। उनकी समिति भी इन्‍हीं में से एक है। इस समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ के बजाय ‘शास्त्रीय इतिहास’ को शामिल करने की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा कि ‘अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को तीन चरणों में विभाजित किया – प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक जिसमें भारत को अंधकार में दिखाया गया, वैज्ञानिक ज्ञान और प्रगति से अनभिज्ञ दिखाया गया। हालांकि, उस युग में भारत की उपलब्धियों के कई उदाहरणों में आर्यभट्ट का सौर मंडल मॉडल पर काम शामिल है।’

आइजैक ने कहा, ‘इसलिए हमने सुझाव दिया है कि भारतीय इतिहास के शास्त्रीय काल को मध्यकालीन और आधुनिक काल के साथ स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘हिंदू विजयों’ को हाईलाइट करने की भी सिफारिश की है। आइजैक भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) के सदस्य भी हैं। इसके अलावा, समिति ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को शामिल करने की भी सिफारिश की है।

Compiled: up18 News