मेरा परिवार 2014 से ऑफिशली बीजेपी कंवर्टेड हो चुका है: कंगना रनौत

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कंगना रनौत मानती हैं कि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से ही हिमाचल में बदलाव संभव हुआ है। वह कहती हैं, ‘हिमाचल अभी बहुत रॉ (अपनी नैचुरल स्टेट में) है। किस तरह हमें आगे बढ़ना है इस तरह के विचार वहां अभी विकसित होना शुरू हुए हैं। अब हिमाचल के कुछ हिस्से में लोग खुद को भारत का पर्मानेंट हिस्सा मानने लगे हैं।’

पहाड़ियों को दूसरे राज्यों में इज्जत नहीं’

मोदी समर्थक कंगना रनौत कहती हैं, ‘जब पहाड़ी दूसरे राज्यों में जाते है तो उन्हें उतनी इज्जत नहीं मिलती। पहाड़ों से आने वालों लोगों को अलग नजरिए से देखा जाता है। मेरे बारे में भी अलग-अलग अफवाहें उड़ाई गईं कि पहाड़ी है, काला जादू करती है, ये लोग कच्चा मांस खाते हैं। इस तरह की बातें कही गईं। 2014 से हिमाचल के लिए नई चेतना जागी है लेकिन अभी उतनी नहीं है जितनी बाकी राज्यों को लेकर।’

कंगना कांग्रेसी बैकग्राउंड वाले परिवार से नाता रखती हैं। उनके परदादा सरजू सिंह रनौत स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। वह कांग्रेस के टिकट से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि कंगना मानती हैं कि 2014 से उनका परिवार ऑफिशली बीजेपी कंवर्टेड हो चुका है। वह कहती हैं, ‘मेरे पिता मोदी, योगी को पसंद करते हैं। वह सुबह उठते जय मोदी जी और शाम को सोते समय जय योगी जी का जाप करते हैं।’

पीएम मोदी की तारीफ में यह बोलीं कंगना

पीएम मोदी को लेकर कंगना रनौत कहती हैं, ‘अटल जी के बाद से हमें एक ऐसे इंसान की जरूरत थी जो देश को सही दिशा में गाइड कर सके। मोदी जी कर्मठहैं। इसके साथ ही वह बहुत अप्रोचेबल हैं। लोगों तक उनकी पहुंच है। हर इंसान से उसके पर्सनल लेवल पर कनेक्ट करते हैं चाहे किसान हो या बिजनसमैन। सबको लगता है कि मोदी उनकी बात कर रहे हैं। एक लीडर की यही खासियत है।’

अब ‘राम’ हैं आइडल, लुक्‍खे स्‍टार्स नहीं

कंगना रनौत ने साउथ vs बॉलीवुड, स्टार कल्चर से लेकर नेपोटिज्म के मुद्दे पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ‘पंचायत आजतक’ के मंच पर इन मुद्दों पर रिएक्ट करते हुए कहा कि साउथ के लोग अपनी संस्कृति और धर्म से जुड़े हुए हैं। यही चीज अब पूरे भारत में देखी जा रही है। जबकि बॉलीवुवाले अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। वहीं कंगना रनौत ने ट्विटर पर लौटने पर भी रिएक्ट किया। इस पर एक्ट्रेस ने कहा कि अगर मैं ट्विटर पर लौटी तो सभी को खूब मसाला बनेगा और सनसनी मचा दूंगी।

साउथ vs बॉलीवुड पर कंगना रनौत की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर बात करते हुए कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने कहा कि वैसे तो क्‍यों एक फिल्‍म चलती है और क्‍यों नहीं चलती इसका बड़ा एनालिसिस है। जो फिल्‍में चल रही हैं वो भारतीयता वाली फिल्‍में चल रही हैं।

‘कांतारा’ है,’ पोन्‍न‍िय‍िन सेल्‍वन’ है, ये सब हमारी संस्‍कृति से जुड़ी पौराण‍िक कथाओं पर हैं। बॉलीवुड अब भारतीयता से दूर है। वेस्‍टर्न से प्रभावित होकर फिल्‍में बन रही हैं। मेरी भी एक फिल्‍म अभी नहीं चली है। मैंने उससे यही सीख ली है। हर भारतीय में 2014 के बाद एक चेतना का संचार हुआ है। हर भारतीय आज प्राइड फील कर रहा है। जब तब अब फिल्‍मों में भारतीयता का वो गर्व नहीं होगा, फिल्‍में पसंद नहीं की जा रही हैं। RRR के साथ भी यही हुआ है। मैंने साउथ में काम किया है। साउथ में फिल्‍में भारतीयता से उतनी ही जुड़ी हुई हैं। इसलिए वहां की फिल्‍में चल रही हैं।

नेपोटिज्म पर फिर कंगना रनौत ने दिया रिएक्शन

‘नेपोटिज्‍म (Nepotism) कभी कम तो नहीं हो सकता। ये हमारे ही देश की जनता थी जो स्‍टारकिड्स को डिस्‍काउंट दे रही थी कि वो फलाने का बेटा है, बेटी है, उसकी तरह दिखता है, भले एक्‍ट‍िंग नहीं आती। तो चलो डिस्‍काउंट देते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं है। सोच बदल रही है।’

स्टार कल्चर पर कंगना रनौत का बेबाक बयान

‘स्‍टार कल्‍चर अब खत्‍म हो गया है। पहले हम एक्‍टर्स के बारे में मीडिया से पढ़ते थे। सुनते थे कि राजेश खन्‍ना निकले तो लोग देखकर बेहोश हो गए। लेकिन अब डिजिटल मीडियम है। स्‍टार्स को वो इल्‍यूजन खत्‍म हो गया। आज का साधारण मानवीय अब सचेत हो गया है। वो यही सोचता है कि मैं स्‍टार्स को रोल मॉडल को क्‍यों रोल मॉडल क्‍यों बनाऊं, किसी लुक्‍खे को रोल मॉडल क्‍यों बनाऊं। भगवान राम को क्‍यों ना बनाऊं। अब्‍दुल कलाम को क्‍यों ना बनाऊं।’

Compiled: up18 News


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