शरीर और मस्तिष्क को पोषण देने के लिए साग फायदेमंद है। औषधीय गुण होने कारण इनमें से कई सब्जियां इम्यूनिटी पावर को मजबूत भी बनाती हैं। अगर आप अपच की शिकायत, त्वचा संबंधी समस्याएं और अन्य मौसमी बीमारियों से राहत चाहते हैं तो बथुआ के साग का सेवन कर सकते हैं।
बथुआ के साग में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। बथुआ में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी2, बी3, बी5, विटामिन-सी, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम पाया जाता है। इसके अलावा बथुआ में पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स भी होते हैं। सर्दियों में बथुआ के साग का सेवन मीट से ज्यादा प्रोटीन दे सकता है।
कई बीमारियां दूर करने के लिए भी बथुए का प्रयोग किया जाता है। एशिया समेत यह अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
बथुए को हमेशा एक लिमिट में खाना चाहिए क्योंकि इसमें ऑक्जेलिक एसिड का लेवल बहुत ज्यादा होता है। इसे ज्यादा खाने से डायरिया भी हो सकता है। बालों का ओरिजनल कलर बनाए रखने में बथुआ आंवले से कम गुणकारी नहीं है। इसमें विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा आंवले से ज्यादा होती है। इसमें आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन ए और डी काफी मात्रा में पाए जाते हैं।
बथुआ के सेवन के हैं ये फायदे –
दांतों की समस्या
बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में फायदा होता है।
कब्ज करे दूर
कब्ज से राहत दिलाने में बथुआ बेहद कारगर है। गठिया, लकवा, गैस की समस्या में यह काफी फायदेमंद है।
बढ़ाता है पाचन शक्ति
भूख में कमी आना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदेमंद है।
पीलिया में फायदेमंद
बथुआ और गिलोय का रस लेकर एक सीमित मात्रा में दोनों को मिलाएं, फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज दिन में दो बार लें। फायदा होगा।
खून साफ करे
बथुए को 4-5 नीम की पत्तियों के रस के साथ खाया जाए तो खून अंदर से शुद्ध हो जाता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।
खत्म करता है कीड़े
बच्चों को कुछ दिनों तक लगातार बथुआ खिलाया जाए तो उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं। बथुआ पेट दर्द में भी फायदेमंद है।
चर्म रोग दूर करे
बथुए को उबालकर इसका रस पीने और सब्जी बनाकर खाने से चर्म रोग जैसे सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, खुजली में भी आराम मिलता है। इसके अलावा बथुए के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालें। अब 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाएं और इसे धीमी आंच पर पकाएं। इसके पानी को पिएं।
– एजेंसी