कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को सुनाई गई मौत की सजा, विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की अदालत ने प्रथम दृष्टया आज अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। यह मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वे इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण अभी इस पर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

सभी आठ पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त 2022 की रात को हिरासत में लिया गया था

भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त 2022 की रात को हिरासत में ले लिया गया था। तब से उन्हें एकांत कारावास में रखा गया था। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी हैं, जो एक भारतीय प्रवासी हैं और जिन्हें 2019 में प्रवासी भारती सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं। इस सभी पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।

ये सभी कतर की एक निजी कंपनी में कर रहे थे काम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक  कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है।

Compiled: up18 News