विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों में संशोधन किया है, जो अक्तूबर से लागू हो चुका है. एनसीआर के गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी कार्यलय से बनने वाले पासपोर्ट नए नियम से बनेंगे.
गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि अभी तक पासपोर्ट बनवाते समय जन्म प्रमाणपत्र के लिए जन्म प्रमाणपत्र या दसवीं की मार्कशीट मान्य होती थी लेकिन मंत्रालय ने इस नियम में बदलाव कर दिया है.
नया नियम पहली अक्तूबर के बाद जन्मे बच्चों के लिए लागू होगा. उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जिनका जन्म पहली पहली अक्तूबर के बाद हुआ है, उनका पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म तिथि के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही देना होगा, कोई अन्य सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा. तय तिथि से पूर्व जन्म लोगों के लिए पहले जैस नियम ही लागू रहेंगे.
ये पेपर जरूर लाएं
पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद अप्वाइंटमेंट की डेट पर पासपोर्ट आफिस जाएं तो ओरिजनल पेपर जरूर ले जाएं. कई बार आवेदक पेपर के नाम पर केवल आधार लेकर आ जाते हैं. ऐसे आवेदकों को परेशान होना पड़ता है और दोबारा अप्वाइंटमेंट लेकर आना पड़ता है.
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी लोगों से अपील करते हैं कि अप्वाइंटमेंट पर आने पर आवेदन में संलग्न पेपरों के अलावा और अन्य ओरिजनल पेपर भी साथ लेकर आएं. कई बार आवेदन में लगाए गए पेपरों में मिलान मुश्किल होता है, ऐसे में दूसरे ओरिजनल पेपर मदद करते हैं.
पश्चिमी यूपी के इन जिलों के गाजियाबाद में बनते हैं पासपोर्ट
गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के तहत आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली जिले आते हैं, जहां के पासपोर्ट बनते हैं.
– एजेंसी