हिंदू-मुसलमान में दूरी पैदा करना मकसद
बता दें कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ‘हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेंगे लेकिन सड़कों पर नहीं उतरेंगे। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मकसद हिंदू-मुसलमान में दूरी पैदा करना और उनको अलग करना है।’ मौलाना अरशद ने सरकार पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि ये लोग बताना चाहते हैं कि जो काम देश की आजादी के बाद से मुसलमानों के खिलाफ किसी भी सरकार ने नहीं किया, हमने वो चोट मुसलमानों को लगा दी है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड सियासी पहलू
उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात करते हुए आगे कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हम सड़कों पर नहीं उतरेंगे क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारे खिलाफ जो लोग हैं वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे और हम ऐसा नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि सियासी पार्टियां भी इस कोड को लेकर मान रही हैं कि यह सरकार का सियासी पहलू है, इसमें कोई हकीकत नहीं है।
यूसीसी के प्रस्ताव पर खुलकर विरोध
वहीं मुस्लिम राजनेता यूसीसी के प्रस्ताव पर खुलकर विरोध जता रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अबु आसिम आजमी और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद इसे बीजेपी का एजेंडा बता रहे हैं। मुंबई के इस्लामिक स्कॉलर मौलाना दरियाबादी के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे जज्बाती मुद्दे को उठाकर कुछ पार्टियां राजनीतिक फायदा चाह रही हैं।
Compiled: up18 News
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