कांग्रेस नेता उदित राज का विवादित बयान, 500 साल बाद मनुवाद की वापसी

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कांग्रेस पार्टी भी मंदिर निर्माण से खुश

खास बात है कि राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ये कहा जा रहा है कि 500 साल भारत को भव्य राम मंदिर का तोहफा मिलने जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उदित राज राम मंदिर के उद्घाटन को मनुवाद से जोड़ रहे हैं। हालांकि, इस सवाल पर खुद उदित राज ने सफाई दी है। उदित राज ने कहा कि ये बिल्कुल अलग मुद्दा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भी खुशी है कि भव्य मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर बनने से देश की जनता भी खुश है। इसमें सबका योगदान है।

लोगो की सोच का जिक्र

उदित राज ने कहा कि न्यायपालिका, मुस्लिम समाज के लोगों का भी योगदान है। राम मंदिर के निर्माण पर खुशी के सवाल पर उदित राज ने कहा कि मैं भी मंदिर निर्माण से खुश हूं। उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीट का मतलब है कि मैं कुछ लोगों की सोच को बताना चाह रहा था।

उदित राज ने कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा इसी समय पुरानी व्यवस्था का याद दिलाने लगे। दरअसल, सरमा ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य की सेवा करना शूद्रों का वास्तविक कर्तव्य है। हालांकि, विवाव बढ़ने पर उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया था।

पीएम मोदी राजा नहीं हैं

उदित राज ने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि वे संवैधानिक पद पर हैं। वे राजा नहीं हैं। वे भगवान राम नहीं हैं। वे निषाद के घर जा रहे हैं। वे यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे निचली जाति के घर जा रहे हैं। वे क्या दर्शाना चाहते हैं।

उदित राज ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वे एक गुना कहते हैं तो मीडिया उसे चार गुना कहता है। उन्होंने कहा कि पीएम यह याद दिलाना चाहते हैं कि केवट ने भगवान राम को नदी पार कराई थी। उन्होंने कहा कि ये मनुवाद जैसा ही है ये वहीं दर्शा रहे हैं कि वे निषाद के घर जा रहे हैं। वे इंसान के, एक नागरिक के घर नहीं जा रहे हैं।

-एजेंसी