मथुरा। आज ही के दिन जवाहर बाग कांड को सात साल हो गए, प्रशासनिक लापरवाही और राजनैतिक तुष्टीकरण का प्रत्यक्ष उदाहरण बना 2 जून 2016 का दिन आज भी काले अध्याय के रूप में जाना जाता है। इस दिन 270 एकड़ में उद्यान विभाग की संपत्ति कलेक्ट्रेट से लगे हुए जवाहर बाग में जो खूनी संघर्ष हुआ उसमें तत्कालीन एसपी सिटी, एस ओ सहित 29 लोगों की जान गई। जवाहर बाग कांड के 7 साल बाद एक बाद फिर शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी मथुरा पहुंचीं और जवाहर बाग पहुंच कर पति के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पत्नी अर्चना द्विवेदी ने किया शहीद पति को याद
जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी पिछले 6 वर्षों से 2 जून को मथुरा के जवाहर बाग आती हैं और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करती हैं। शुक्रवार को भी एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी मथुरा पहुंचीं और अपने पति को श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।
2 जून 2016 को हुआ था जवाहर बाग़ कांड
2 जून का दिन आते ही मथुरा वासी सिहर जाते हैं। 2 जून 2016 को यहां के उद्यान विभाग की भूमि जवाहर बाग़ में कुछ तथाकथित सत्याग्रहियों ने सत्याग्रह करने के नाम पर कब्ज़ा कर लिया था। जवाहर बाग़ को खाली कराने जब भी पुलिस और अधिकारी जाते तो कथित सत्याग्रही राम वृक्ष यादव और उसके हजारों की संख्या में मौजूद रहने वाले गुर्गे बदतमीजी करते फायरिंग करते थे। 2 जून 2016 को तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी ,एस ओ फरह संतोष यादव पुलिस बल के साथ जिला कारागार की तरफ से मौके की स्थिति का जायजा लेने गए। तभी कथित सत्याग्रहियों ने पुलिस पर हमला कर दिया और फायरिंग कर दी। गोली लगने से तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी ,एस ओ फरह संतोष यादव की मौके पर ही शहीद हो गए थे । जिसके बाद पुलिस और सत्याग्रहियों में कई घंटे तक खूनी संघर्ष चला जिसमें 27 और लोगों की मौत हो गयी थी।
मथुरा में कलेक्ट्रेट के बराबर में उद्यान विभाग की भूमि जवाहर बाग पर 15 मार्च 2014 को कुछ लोग स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन के नाम पर दो दिन सत्याग्रह के नाम पर आए। भारत के लोगों की नागरिकता, संविधान बदलने और एक रुपए में 60 लीटर डीजल, पेट्रोल देने की मांग को लेकर इन लोगों ने सत्याग्रह शुरू किया और फिर दो साल तक कब्जा जमाकर बैठ गए। इन लोगों से जब इस जगह को खाली कराने को लेकर कहा गया, तो इन लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला बोल दिया।
शहीद एसपी सिटी की पत्नी बोलीं नहीं बना स्मारक
जवाहर बाग कांड को 7 साल पूरे हो गए। यह मामला उस समय राजनीतिक दलों के लिए बड़ा मुद्दा बन गया था। विपक्ष में बैठे सभी राजनीतिक दलों ने समाजवादी पार्टी की सरकार को जमकर कोसा था। बड़े-बड़े वादे किए गए शहीद पुलिस अधिकारियों की प्रतिमा जवाहर बाग में लगाने की बात हुई थी। मगर, अभी तक जवाहर बाग में दोनों पुलिस अधिकारियों की प्रतिमा नहीं लग सकी और स्मारक भी नहीं बना। हालांकि, जवाहर बाग की तस्वीर बदलने की कवायद जारी है। जवाहर बाग का स्वरूप बदला जा रहा है और भाजपा सरकार प्रयास में है कि यह पहले की तरह ही हरा भरा नजर आए। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जवाहर बाग का काम पूरा होते ही यहां दोनों शहीद पुलिसकर्मियों की प्रतिमा लगेगी।
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.