मणिपुर में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा: हिंसा की जांच के लिए गठित होगा न्यायिक आयोग, 6 मामले CBI के हवाले

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प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा

पिछले एक महीने के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग जांच करेगा, ये जांच भारत सरकार की तरफ़ से कराई जाएगी.

भारत सरकार मणिपुर की अध्यक्षता में शांति समिति का गठन करेगी. इसमें उद्योगपति, खिलाड़ी, चुने हुए प्रतिनिधि और नागरिक समाज के प्रतिनिधि होंगे.

मणिपुर में ढेर सारी एजेंसियां सुरक्षा की दृष्टि से काम कर रही हैं. उनके बीच में बेहतर समन्वय के लिए कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में इंटर एजेंसी यूनिफ़ाइड कमांड की व्यवस्था आज से ही लागू होगी.

हिंसा के संबंध में दर्ज किए गए 6 केस की जांच सीबीआई का विशेष दल करेगा. ये जांच भारत सरकार के तत्वाधान में होगी.

किसी भी पक्षपात और भेदभाव के बगैर हिंसा के मूल तक जाने के लिए निष्पक्ष जांच होगी ताकि आगे ऐसी घटना ना हो. दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी.

राहत और पुनर्वास के लिए जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को पांच लाख रुपये मणिपुर सरकार की तरफ़ से और पांच लाख रुपये भारत सरकार की तरह से दिए जाएंगे. ये राशि सीधे परिजनों के बैंक खातों में भेजी जाएगी.
घायलों के लिए और जिनकी संपत्ति का नुक़सान हुआ है उनके लिए भी राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा कल की जाएगी.

मणिपुर की जनता को वस्तुओं की कमी ना हो इसके लिए कोटा से अतिरिक्त चावल मणिपुर भेजे गए हैं.
ग़लतफ़हमी के कारण मनमुटाव हुआ है और मणिपुर की जनता जल्द ही इसका समाधान कर लेगी.

जिन लोगों के पास हथियार हैं, उनसे मैं अपील करना चाहता हूं कि अपने हथियार सरेंडर कर दें. कल से पुलिस कॉन्बिंग ऑपरेशन करेगी. कॉन्बिंग ऑपरेशन के बाद अगर किसी पर हथियार मिले तो कठोर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जो समूह समझौते की शर्तों का अब उल्लंघन करते हैं उन पर कठोर कार्रवाई होगी.

केंद्रीय गृह मंत्री ने पत्रकारों के कई सवालों के जवाब भी दिए. मणिपुर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े एक सवाल को लेकर अमित शाह ने कहा, “हमारी बातचीत सभी से चल रही है. उत्तर पूर्व में अब तक 15 समूहों से हमारा समझौता हो चुका है. 8 हज़ार से अधिक उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं और मुख्यधारा में आए हैं. बाक़ी समूहों से भी बातचीत चल रही है. गृह मंत्रालय उच्च स्तर पर वार्ता कर रहा है.”

जब गृहमंत्री से पूछा गया कि इतना समय वार्ता में क्यों लग रहा है. इस पर उन्होंने कहा, “पुराने मसले हैं, 50 साल से भी कुछ मसले चल रहे हैं, इनका निबटारा होने में समय लगता है.”

मणिपुर में अलग राज्य की मांग से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा, “भारत सरकार ने मणिपुर की एकता और अखंडता को बारे में कई बार अपना स्टैंड घोषित किया है. इसमें भारत सरकार का कोई बदलाव नहीं है. मैं ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता जिससे शांति पर असर पड़े.”

Compiled: up18 News