मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी। सीएम ने कुकी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले 10 विधायकों की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें अलग प्रदेश की मांग की गई थी। मणिपुर सीएम ने कहा कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले उग्रवादी संगठन अपने निर्धारित शिविरों में लौट जाएं।
लोगों से धरना प्रदर्शन ना करने की अपील
मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें राज्य के हालात के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अमित शाह के मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्य के लोगों से अपील की कि वह राज्य में फिलहाल धरना या रैलियां आयोजित ना करें। उन्होंने ये भी कहा जिन प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों पर धरना दिया हुआ है, उन्हें बलपूर्वक नहीं हटाया जाएगा और उनसे बातचीत करने की कोशिश की जाएगी। सीएम ने कहा कि ‘मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मणिपुर में क्षेत्रीय अखंडता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी।’
आरक्षण की मांग को लेकर भड़की हिंसा
बीते दिनों राज्य में हुई हिंसा में सशस्त्र उग्रवादियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है। इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री को भी दी गई। बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैती समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है।
जिसके विरोध में बीती 3 मई को राज्य के पहाड़ी जिलों में जनजातीय समुदाय द्वारा रैली निकाली गई, जिसके कारण राज्य में हिंसा भड़की। मैती समुदाय की जनसंख्या मणिपुर की कुल जनसंख्या की 53 प्रतिशत है और यह अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नागा और कुकी जनजाति के लोग जो 40 प्रतिशत हैं, वो पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
Compiled: up18 News
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