लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है। ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि 2024 में टीएमसी बंगाल में किसी पार्टी से चुनावी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेगा, मगर बंगाल में टीएमसी अकेले बीजेपी के खिलाफ लड़ेगी। वह कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के साथ समझौता नहीं करेगी।
ममता बनर्जी के इस तेवर से इंडिया ब्लॉक में घमासान होना तय है। दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव गुट) ने महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर पहली चाल दी है। पार्टी के नेता संजय राउत ने कांग्रेस को बता दिया है कि वह महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसा ही पेच पंजाब और दिल्ली में फंस रहा है, जहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के लिए राजी नहीं है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव में सपा के साथ किए गए व्यवहार को बदला चुकाने को तैयार बैठे हैं।
कांग्रेस और लेफ्ट पर ममता ने लगाए मिलीभगत के आरोप
जब राहुल गांधी नागपुर में कांग्रेस की रैली को संबोधित कर रहे थे, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी उत्तर 24 परगना जिले के चकला में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद रैली में बोल रही थीं। रैली में ममता बनर्जी ने साफ तौर से ऐलान किया कि बीजेपी के खिलाफ इंडिया ब्लॉक पूरे देश में चुनाव लड़ेगा, मगर पश्चिम बंगाल में टीएमसी कांग्रेस या लेफ्ट पार्टियों से समझौता नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी अकेले बीजेपी का मुकाबला करेगी। इस रैली में ममता बनर्जी ने कांग्रेस और सीपीआई(एम) पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप भी मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में आने के बाद भी कांग्रेस और सीपीआई(एम) के नेता बंगाल में टीएमसी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
अपने भाषण में ममता बनर्जी ने बीजेपी पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएए के तहत अगर एक समुदाय को नागरिकता मिल रही है तो दूसरे समुदाय को भी हक मिलना चाहिए। बता दें कि अमित शाह ने कोलकाता में घोषणा की थी कि सीएए देश का कानून है और बीजेपी इसे लागू करेगी।
महाराष्ट्र में संजय राउत ने 23 सीटों पर दावा ठोंका
पिछले दिनों दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में नीतीश कुमार के भारत वाले बयान और अंग्रेजी को लेकर नाराजगी की खासी चर्चा हुई। चौथी मीटिंग में सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा भी अधर में लटक गई। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस ने गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों का मूड भांपते हुए एकला चलो रे का रास्ता अपना लिया।
राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन से अलग महाराष्ट्र के नागपुर से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी, जहां एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की पार्टनर है। नागपुर में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया। इसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने खुले तौर पर महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर दावा ठोंक दिया। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। यहां कांग्रेस, शिवसेना (यूटीबी) और एनसीपी (शरद गुट) के बीच सीटों का समझौता होना है। एनसीपी के महाराष्ट्र में चार सांसद हैं।
-एजेंसी