बदहाल पाकिस्तान में अब बिजली बचाने के लिए जल्दी बंद होंगे मॉल-बाजार

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इस योजना का मकसद पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति से उबरना है. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि यह एक्शन प्लान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत के बीच बनाया गया है. पाकिस्तान चाहता है कि आईएमएफ 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए कुछ शर्तें नरम कर दे क्योंकि अभी पाकिस्तान को लगता है कि जो शर्तें हैं उनसे देश में महंगाई और बढ़ेगी.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और ऊर्जा मंत्री गुलाम दस्तगीर ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि मॉल और बाजारों को जल्दी बंद करने का फैसला ऊर्जा संकट से निपटने के लिए लिया गया है. इसके साथ ही मैरिज हॉल और रेस्तरांओं को भी रात 10 बजे तक करने को कहा गया है.

ऊर्जा बचाने के लिए उठाया गया कदम

सरकार को इन उपायों से ऊर्जा बचाने और तेल आयात को कम करने की उम्मीद है, जिसकी कीमत पाकिस्तान को हर साल तीन अरब डॉलर चुकानी पड़ती है. देश के ज्यादातर पावर प्लांट में तेल के जरिए बिजली पैदा की जाती है. इन संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले तेल को विदेश से आयात किया जाता है.

सरकार के इस ताजा ऐलान पर कारोबारी जगत भी परेशान है. कारोबारियों का कहना है कि इस फैसले से पाकिस्तान के कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ेगा. उनके मुताबिक कोरोना की वैश्विक महामारी से कारोबार पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुका है.

पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ से देश को 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, इसलिए पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तों में ढील देने की मांग कर रहा है. हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान को आईएमएफ की कुछ शर्तों को पूरा करने के लिए ऊर्जा बचाने और नए कर लगाने जैसे उपाय करने पड़ रहे हैं.

Compiled: up18 News