मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को एक और झटका लगा है. शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ED की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मनी लांड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन से बिना किसी वकील की मौजूदगी के पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी.
दरअसल, पूछताछ के दौरान उनके एक अधिवक्ता के मौजूद रहने के संबंध में निचली अदालत के आदेश का प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध किया था.
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ के समक्ष ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी थी कि मामले में लगाई गई शर्त पूलपंडी बनाम अधीक्षक, केंद्रीय उत्पाद शुल्क समेत कई मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित किए गए निर्णय के खिलाफ है.
मनी लांडिंग के आरोप में ईडी ने सत्येंद्र जैन को सोमवार को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मंगलवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने 10 दिन के लिए जैन को ईडी की हिरासत में भेज दिया था. हालांकि, ईडी ने विशेष अदलत से 14 दिन के रिमांड की मांग की थी.
जैन का मंत्रालय अब सिसोदिया के पास
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उनके मंत्रालयों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आवंटित किया गया है. मनीष सिसोदिया अब स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, यूडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और जल मंत्रालय संभालेंगे. सिसोदिया के पास अब 18 विभागों की जिम्मेदारी होगी. सत्येंद्र जैन फिलहाल मंत्री बने रहेंगे, लेकिन उनके पास कोई मंत्रालय नहीं होगा.
इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं स्वास्थ्य मंत्री
बता दें कि मनी लॉड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किये गए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ के दौरान वकील की मौजूदगी की अनुमति देने वाले निचली अदालत के फैसले के विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने ईडी के वकील द्वारा याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध को स्वीकार किया और मामले की सुनवाई के लिए आज यानि शनिवार का दिन तय किया था.
- -एजेंसियां
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