उत्तराखंड के उत्तरकाशी में देर रात अचानक धरती डोलने लगी। रात को 2 बजकर 19 मिनट पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका बेहद कम लोगों को ही पता चला। इस भूकंप की गहराई जमीन से पांच किमी नीचे दर्ज की गई है। हालांकि देर रात आए भूकंप से किसी तरह के जानमाल के हानि की सूचना नहीं है।
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है। यहां अति संवेदनशील जोन पांच में रुद्रप्रयाग का अधिकांश भाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले आते हैं। चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, हरिद्वार और पौड़ी जोन चार में आते हैं। वहीं देहरादून और टिहरी जिले दोनों जोन में आते हैं।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में पूर्व में दो बड़े भूकंप आ चुके हैं। इस कारण अब भूकंप के हल्के झटके महसूस होते ही लोग दहशत में आ जाते हैं। बड़े भूकंपों की त्रासदी झेल चुके लोग इन छोटे-छोटे भूकंप के झटकों से सहम जाते हैं। उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप जिले में तबाही मचा दी थी, जिले में 768 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 18 सौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस भूकंप से तीन हजार परिवार बेघर हो गए थे। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया था, जिसमें 103 लोग मारे गये थे। यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
उत्तरकाशी में अब तक आए भूकंप
1918 में आया बड़ा भूकंप
20 अक्तूबर 1991 की रात को 8 तीव्रता का भूकंप
29 मार्च 1999 को 8 तीव्रता भूकंप
21 सितंबर 2009 में 7 तीव्रता का भूकंप
4 अप्रैल 2011 को 7 तीव्रता का भूकंप
20 जून 2011 को 6 तीव्रता का भूकंप
10 फरवरी 2012 को 5 तीव्रता का भूकंप
25 अप्रैल 2015 को 8 तीव्रता का भूकंप
7 फरवरी 2017 को 8 तीव्रता का भूकंप
7 जून 2018 को 4 तीव्रता का भूकंप
6 नवंबर 2022 को 5 तीव्रता का भूकंप
Compiled: up18 News