कोरोना के बाद की बदलती रोजगारपरक स्थितियों में भारत के लिए आर्थिक दृष्टिकोण अनिश्चितता के बावजूद कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें वृद्धि होने की उम्मीद है। इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए हेल्थ केयर, ई-कॉमर्स और आईटी, ग्रीन एनर्जी, एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट आदि क्षेत्र में अच्छे जॉब्स हो सकते हैं।
वर्तमान में सॉफ्ट स्किल्स के महत्व को स्वीकार किया गया है, जिसमें क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग, क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, टीम वर्क और फ्लेक्सिबिलिटी पर जोर दिया जाता है। साथ ही सभी चीजों के ऑनलाइन होने के चलते जॉब्स के लिए रिक्र्यूटमेंट्स के भी ऑनलाइन अर्थात वर्चुअल जॉब फेयर, ऑनलाइन इंटरव्यू, ऑनलाइन टेस्ट और रिक्रूटमेंट ऑटोमेशन से होने का ट्रेंड बढ़ेगा।
निश्चित नौकरी और रेगुलर ग्रोथ अब बहुत कम प्रतिशत प्रोफेशनल्स को ही मिल पा रही है। रातों-रात कम्पनियों की पालिसी बदल जाती है, और ले-ऑफ (नौकरी से बर्खास्तगी) हो जाती है।
इस बदलाव भरे माहौल में कंपनियों में सबसे अधिक जरूरत उन लोगों की रहने वाली है जो 4 स्किल्स एक साथ लेकर चलते हैं –
टेक्निकल नॉलेज, मैनेजमेंट स्किल्स, कम्युनिकेशन और कोऑर्डिनेशन स्किल्स, और इनके बलबूते पर कम प्रयासों में अधिक रिजल्ट देने में कामयाब होते हैं।
जैसे कि ‘डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर’ के पद को लीजिए जो सोशल मीडिया, ईमेल और सर्च इंजन जैसे विभिन्न डिजिटल चैनलों के माध्यम से कंपनियों को अपने टारगेट ऑडियंस तक ऑनलाइन पहुंचने और उन्हें जोड़ने में मदद करते हैं।
वे डेटा का विश्लेषण कर सबसे प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियों की पहचान करके, परिणामों को अधिकतम करने में मदद करते हैं।
ऐसे अन्य पद हैं ऑपरेशंस एनालिस्ट, कस्टमर सक्सेस मैनेजर (ग्राहकों को बनाए रखने में मदद करते हैं), बिजनेस एनालिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर आदि।
जैसा ऊपर बताया है इन पदों के लिए डाटा एनालिसिस का टेक्निकल नॉलेज, मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन और कोऑर्डिनेशन स्किल्स की आवश्यकता होती है। यदि आप इस बात को समझ लें, और अपनी बाउंड्री को एक्सपैंड कर लें, तो फायदा होगा।
ई-कॉमर्स और डिजिटल तकनीक
कोविड-19 ने ई-कॉमर्स और डिजिटल तकनीकों के विकास को गति दी है। अब लोग फिल्म देखने से लेकर कपड़े खरीदने और राशन मांगने तक ऑनलाइन जा रहे हैं। इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है, जिससे ई-कॉमर्स, IT और संबंधित क्षेत्रों में प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी।
इस क्षेत्र में वेबसाइट डेवलपर्स, प्रोग्रामर्स के ट्रेडिशनल पदों के अलावा यूजर एक्सपीरिएंस राइटर, सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, एजुकेटर्स और ट्रेनर्स, कंटेंट स्पेशलिस्ट, कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट आदि पदों पर लोगों की आवश्यकता होगी।
इस क्षेत्र में कुछ नए कार्यों जैसे ड्रोन पायलटिंग, ड्रोन फोटोग्राफी, ड्रोन मैपिंग, कॉपी राइटर्स आदि का आना रोचक है।
IT में प्लग-एंड-प्ले सॉफ्टवेयर आने के बाद अब अनेकों कंपनियां उतने प्रोफेशनल हायर नहीं कर रहीं, जितने वो करती थीं।
महामारी के बाद लोगों में हेल्थ को लेकर अवेयरनेस बढ़ी है इसलिए हेल्थ प्रोफेशनल्स (जैसे फिजियोथेरेपिस्ट, डेंटिस्ट, दूसरे डॉक्टर्स) मेडिकल रिसर्चर्स और दवा कंपनियों में स्टाफ आदि की मांग बढ़ने की संभावना है। भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य बनता जा रहा है, जो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।
रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable energy)
भारत ने 2030 तक 450 GW (अभी की कुल इन्सटाल्ड केपेसिटी से अधिक) प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें सोलर, विंड और हाइड्रोइलेक्ट्रिक सहित रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है।
राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में घर-घर में सोलर पैनल लगना अब आम होता जा रहा है। कंपनियां सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हैं, तो सस्टेनेबिलिटी मैनेजर (Sustainability Manager) जैसी ग्रीन नौकरियां भी बढ़ रही हैं।
इस तरह ग्रीन जॉब्स के बढ़ने की सम्भावना ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी और भारत सहित कुल 13 देशों में हैं।