आज से अगहन यानी की मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. जानते हैं इस साल कब है सौभाग्य सुंदरी व्रत, मुहूर्त और महत्व. शास्त्रों में सौभाग्य सुंदरी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है।
पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। जो इस बार 11 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन माता पार्वती और भोनेनाथ की उपासना की जाती है। मान्यता है जो सुहागन महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उनको अखंड सौभाग्य और सौंदर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सौभाग्य सुंदरी व्रत का पूजा मुहूर्त और महत्व…
जानिए तिथि
इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ 10 नवंबर शाम 06 बजकर 31 मिनट से हो रहा है और इसका समापन अगले देन 11 नवंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। इसलिए उदयातिथि के अनुसार सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा।
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 9 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक
दोपहर में शुभ मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 4 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 25 मिनट तक
बन रहे हैं 2 शुभ योग
इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत पर शिव योग और सिद्ध योग बन रहे हैं। शिव योग सुबह से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक है। उसके बाद से सिद्ध योग आरंभ हो जाएगा। शिव और सिद्ध योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। इसलिए इस दिन का महत्व विशेष बढ़ गया है।
जानिए महत्व और पूजा- विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर साफ- सुथरे वस्त्र धारण करें। साथ ही पूजा स्थल पर रखी चौकी पर माता पार्वती और भोलेनाथ का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद उनका षोडशोपचार पूजन करें। भगवान शिव पर भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें।
आपको बता दें कि सौभाग्य सुंदरी व्रत पति की लंबी उम्र और सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन माता पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित किया जाता है। साथ ही भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और सुख शांति रहती है। साथ ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
-धर्म चर्चा