जानिए! संकटमोचन हनुमान जी के 7 चमत्कारी सिद्ध मंदिरों के बारे में, जहां दर्शन करने से होती है हर मनोकामना पूरी

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वीर हनुमान मंदिर (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में ऐसा ही एक हनुमान मंदिर पिछले 500 सालों से मौजूद है. यह मंदिर राजगढ़ के खिलचीपुर नगर में है. इस मंदिर को बहुत ही चमत्कारी माना जाता है. मान्यता है कि पवन सुत के दर्शन मात्र से भक्तों के दुख कट जाते हैं. खास बात ये है कि इस मंदिर में पिछले 31 सालों से अखंड ज्योति जल रही है. जानकारी के मुताबिक राजा उग्रसेन ने इस मंदिर में हनुमान जी की स्थापना की थी.

मेंहदीपुर बालाजी (राजस्थान)

राजस्थान के दौसा जिले में मौजूद मेंहदीपुर बालाजी मंदिर किसी चमत्कार से कम नहीं है. इस मंदिर में हनुमान जी बाल रूप में विराजमान है. यहां पर हनुमान जी खुद ही प्रकट हुए थे. यह चमत्कारी धाम हनुमान जी का सिद्ध मंदिर है. राजस्थान ही नहीं इस मंदिर की मान्यता पूरे देश में है. जो भक्त भूत-पिशाच आदि से पीड़ित होते हैं वह अर्जी लगाने भर से ठीक हो जाते हैं. बड़ी संख्या में भक्त यहां हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ते हैं. इस मंदिर में वीर हनुमान के साथ ही भैरव और शिव की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि यहां चढ़ाया गया प्रसाद कभी भी खाना नहीं चाहिए. न ही पूजा के बाद पीछे मुड़कर देखना चाहिए. भक्त पूजा के बाद अपने दुख दर्द यहां भगवान के चरणों में समर्पित कर देते हैं.

हनुमानगढ़ी (अयोध्या)

अयोध्या का प्राचीन हनुमानगढ़ी देशभर में प्रसिद्ध है.यह मंदिर सरयू नदी के तट पर स्थित है. 76 सीढ़िया चढ़कर भक्त बजरंगबली के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. हनुमान जी की 6 इंच की प्रतिमा भक्तों का मन मोह लेती है. यहां दर्शन और पूजन करने से सभी दुख क्लेश दूर हो जाते हैं. देशभर से अयोध्या पहुंचने वाले राजनेता भी हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी के चरणों में मत्था जरूर टेकते हैं.यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कई बार हनुमानगढ़ी जा चुके हैं.

सालासर बालाजी (राजस्थान)

चुरु जिले के सालासर गांव में मौजूद ये मंदिर भी हनुमान जी की महिमा की वजह से काफी प्रसिद्ध है. इस मंदिर में बालाजी भगवान दाढ़ी और मूछों के साथ मौजूद हैं, वह सोने से सिंहासन पर विराजमान है. कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर हनुमान जी की शरण में जाता है वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता है. यह बालाजी हनुमान का एक सिद्ध मंदिर है.

लेटे हनुमान जी (प्रयागराज)

प्रयागराज में संगम तट पर 20 फीट लंबे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर बहुत ही चमत्कारी है. जो भी भक्त उनके दर्शन करता है उसके दुख दर्द दूर हो जाते हैं. मंदिर में सुंदरकांड करने वाले भक्तों पर लेटे हुए हनुमान जी अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं. मंगलवार के दिन सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ पहुंचनी शुरू हो जाती है. जो भी भक्त मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करते हैं उनके सभी बिगड़े काम हनुमान जी बना देते हैं. इस मंदिर में 21 बार सुंदरकांड का पाठ करने का खास महत्व है. जो भी भक्त यहां 21 बार सुंदरकांड का पाठ करते हैं उनके कष्ट दूर हो जाते हैं और उन पर विशेष कृपा बजरंगबली बरसाते हैं.

श्री संकटमोचन मंदिर (वाराणसी)

बनारस का संकटमोचन मंदिर भी हनुमान जी के सिद्ध मंदिरों में से एक है. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी. जिस मुद्रा में उनको बजरंगबली के दर्शन हुए थे उसी मुद्रा में संकटमोचन यहां विराजमान हैं. इस मंदिर में हनुमान जी को भोग के रूप में देसी घी के बेसन के लड्डू चढ़ाए जाते हैं. इस मंदिर में बजरंगबली की प्रतिमा इस तरह से विराजमान है कि मानों वह अपने आराध्य श्रीराम की तरफ ही देख रहे हैं. कहा जाता है कि इसी जगह पर तुलसीदास को हनुमान जी ने दर्शन दिए थे, वहीं पर मंदिर स्थापित किया गया है. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त संकटमोचन मंदिर पहुंचते हैं.

कष्टभंजन हनुमान मंदिर (गुजरात)

गुजरात के सारंगपुर में मौजूद कष्टभंजन हनुमान मंदिर चमत्कारों से भरा हुआ है. बजरंगबली के भक्त उनको दादा कहकर पुकारते हैं. इस सिद्ध मंदिर में दादा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि जो भक्त यहां आकर हनुमान जी के दर्शन करता है उस पर शनिदेव भी अपनी कृपा बरसाते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं. वह दूर-दूर से आए भक्तों के कष्ट दूरकर अपना आशीर्वाद उन पर बरसाते हैं.मंदिर की खास बात ये है कि शनिदेव यहां स्त्री रूप में बजरंगबली के चरणों में बैठे हैं.

Compiled: up18 News


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