जो लोग वजन घटाने के लिए keto diet फॉलो करते हैं उनके लिए बुरी खबर है। जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो कीटोजेनिक डायट जिसमें फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है, प्रोटीन की मात्रा सामान्य लेकिन कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेहद कम होती है उसका सेवन करने से टाइप-2 डायबीटीज का खतरा बढ़ जाता है।
चूहों पर स्टडी में हुआ खुलासा
यूनिवर्सिटी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ज्यूरिक और ईटीएच ज्यूरिक ने साथ मिलकर चूहों पर एक स्टडी की जिसमें चूहों को 2 अलग-अलग तरह की डायट दी गई और उसके बाद उनका स्टैंडर्ड मेटाबॉलिक टेस्ट किया गया। स्पेशलाइज्ड तरीकों का इस्तेमाल कर अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की जांच करने की कोशिश की चूहों के शरीर में इंसुलिन ऐक्शन के दौरान आंतरिक रूप से चीनी के उत्पादन का लिवर पर और टीशूज पर क्या असर पड़ा।
keto diet का साइड इफेक्ट
अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो कीटोजेनिक डायट का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट यही है कि यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने की प्रक्रिया में बाधा डालता है और शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है। जब शरीर में लिवर इंसुलिन के सामान्य लेवल की तरफ प्रतिक्रिया देने में असमर्थ होता है तो इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है और टाइप-2 डायबीटीज का खतरा रहता है।
टाइप-2 डायबीटीज का खतरा
इस स्टडी की मेन ऑथर क्रिस्टियन वोल्फ्रम ने इस बारे में कहा, ‘डायबीटीज इन दिनों सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गई है। वैसे तो कीटोजेनिक डायट को हेल्दी माना जाता है, हमारी स्टडी के नतीजे बताते हैं कि कीटो डायट का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है जिससे टाइप-2 डायबीटीज का खतरा रहता है।’
-एजेंसियां
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.