दिल्ली के शराब नीति घोटाले में आठ समन जारी होने पर भी ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश न होने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को स्थानीय अदालत से ज़मानत मिल गई है.
शनिवार को दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पेश होने के बाद उन्हें ज़मानत दे दी. इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक याचिका ख़ारिज कर दी थी.
इस याचिका में उन्होंने ख़ुद को लोक सेवक बताते हुए प्रवर्तन निदेशालय के आठ समन पर भी पेश न होने पर उसकी संभावित कार्रवाई को रोकने की मांग की थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने बार-बार समन जारी होने के बाद भी पूछताछ के लिए उपस्थित न होने पर ईडी की ओर से दाख़िल दोनों शिकायतों में केजरीवाल को ज़मानत दे दी.
वहीं एएनआई के अनुसार अदालत ने 15 हज़ार रुपए के बेल बॉन्ड और 1 लाख रुपए की ज़मानत राशि पर ज़मानत दी है.
उन्होंने इस मामले में चलाए जा रहे ट्रायल को भी रोकने की मांग की है.
ईडी ने शुक्रवार को इसी मामले में बीआरएस नेता के कविता को हैदराबाद में गिरफ़्तार किया था.
उधर आम आदमी पार्टी के लीगल हेड संजीव नसियार ने एएनआई को बताया, “अदालत ने मुख्यमंत्री को तलब किया था. पिछली बार वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए इसमें शामिल हुए थे. उन्हें जब फिर से निर्देश मिला, तो उन्होंने कहा कि वे ख़ुद पेश होंगे. वे आज पेश हुए और ज़मानत बॉन्ड जमा किया, जिस पर उन्हें ज़मानत दे दी गई.”
वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने बताया, “सीएम अरविंद केजरीवाल आज पेश हुए और बेल बॉन्ड स्वीकार किए गए. इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख़ एक अप्रैल है.”
केजरीवाल को मिली जमानत पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दी प्रतिक्रिया
मनोज तिवारी कहते हैं, ”उस शिकायत के बाद जब ये कोर्ट गए तो उसमें ज़मानत मिली है कि चलो पीछे जो ग़लतियां की हैं उसमें आपको 15 हज़ार के मुचलके और एक लाख के सिक्योरिटी पर ज़मानत दी जाती है.”
मनोज तिवारी बोले, ”इनको कहा गया है कि ईडी के समन का जवाब दीजिए, उपस्थिति दीजिए. क़ानून का पालन कीजिए. जल्दी से जल्दी क़ानून का पालन कीजिए. संविधान की शपथ लिए हुए व्यक्ति के लिए यही उचित भी है.”
-एजेंसी