केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अगली सुनवाई 3 अप्रैल को

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केजरीवाल के वकील ने दी थी ये दलील

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी, “गिरफ्तारी का उद्देश्य सामग्री ढूंढना नहीं बल्कि मुझे और मेरी पार्टी को अक्षम करना था। मेरी प्रार्थना है, अब मुझे रिहा कर दें। सिंघवी ने दावा किया कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत केजरीवाल की गिरफ्तारी ‘जरूरी’ नहीं थी और ‘असहयोग’ करने के आधार का ईडी ने सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया है।

ईडी के वकील ने दिया ये तर्क

जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि भारी भरकम याचिका उन्हें मंगलवार को ही सौंपी गई है और एजेंसी को अपना पक्ष रिकॉर्ड पर लाने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरिम राहत के वास्ते भी जवाब देने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए। सिंघवी ने आरोप लगाया कि जवाब दाखिल करने के लिए समय का अनुरोध मामले में विलंब की रणनीति है।

21 मार्च को गिरफ्तार किए गए थे केजरीवाल

वरिष्ठ वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार को लेकर चुनौती दी गई है और ऐसे कई “गंभीर मुद्दे” हैं जिन पर हाई कोर्ट द्वारा तत्काल निर्णय करने की जरूरत है।

सिंघवी ने कहा, अगर गिरफ्तारी अवैध है तो हिरासत में बिताया गया एक घंटा भी बहुत लंबा होता है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत में भेजे जाने के मद्देनजर अपनी तत्काल रिहाई की मांग की है।

सीएम पद से हटाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए एक जनहित याचिका डाली गई है। दिल्ली हाई कोर्ट इस जनहित याचिका पर कल यानी 28 मार्च को सुनवाई करेगा। इस मामले पर एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई करेगी।

-एजेंसी


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