गैंगस्टर हुसैन उस्तरा के रोल में नज़र आएंगे कार्तिक आर्यन

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इस पिक्चर में हुसैन के अलावा सपना दीदी भी लीड रोल में दिखेंगी. इस कहानी को कई सालों पहले ही विशाल भारद्वाज ने लिखा था. लेकिन तब इसके लिए पहली पसंद इरफान खान और दीपिका पादुकोण थे. पर पिक्चर कभी बन ही नहीं पाई. अब एक बार फिर स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव के साथ फिल्म बनने जा रही है. और हुसैन वाला किरदार कार्तिक निभाएंगे. आइए बताते हैं आखिर कौन था हुसैन उस्तरा? उसकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे में.

हुसैन उस्तरा की असली कहानी

‘डोंगरी टू दुबई’ के राइटर एस हुसैन जैदी एक सीरीज चलाते हैं. इसका नाम है ‘द सोर्स’. इसके तहत वो अलग-अलग गैंगस्टर की कहानी सुनाते हैं और उनपर कई जानकारियां भी देते हैं. एक पोस्ट उन्होंने ‘उस्तरा’ पर भी बनाया. वो बताते हैं कि, इसका असली नाम- हुसैन शेख था. लेकिन लोग इसे ‘हुसैन उस्तरा’ कहकर बुलाया करते थे. इसके पीछे की वजह थी बचपन की लड़ाई. महज 16 साल की उम्र में हुसैन शेख का झगड़ा हो गया. उस वक्त उसके हाथ में एक उस्तरा था. उसने गुस्से में आकर सामने खड़े शख्स पर हमला कर दिया. ऐसा कहा जाता है, उस शख्स के कंधे से लेकर नीचे तक एक लंबा कट लग गया था. गंभीर हालत में उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाया गया. लेकिन उसका घाव देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए थे. ऐसा इसलिए क्योंकि ये चीरा सिर्फ एक सर्जन ही लगा सकता है. वो भी स्केल्पल की मदद से. ये इतना खतरनाक था कि इस घटना के बाद से 16 साल का लड़का हुसैन शेख ‘हुसैन उस्तरा’ नाम से फेमस हो गया था. जो हमेशा उस्तरा चलाने लगा.

उस्तरा से शुरुआत करने वाला हुसैन बाद में कई बड़े-बड़े हथियार लगने लगा. बताते हैं कि वो एक छोटे से गैंग को लीड करता था. ये अपनी गैंग के साथ बापू खोटे स्ट्रीट, जो मुंबई के पायधुनी इलाके में है. वहां छिपकर दाऊद के खिलाफ जंग कर रहा था. उस वक्त पायधुनी में ‘हुसैन उस्तरा’ की तूती बोलती थी. लोग उससे घबराते थे. वो इसी एरिया में एक फ्लैट पर रहता था. जहां उसने अपना ऑफिस भी बनाया हुआ था.

पति की मौत और अशरफ का बदला

हुसैन उस्तरा पर बन रही फिल्म में सपना दीदी का भी अहम रोल होगा. ये इसी कहानी का दूसरा पहलू है. यानी सपना दीदी. जिसका असली नाम था- अशरफ खान. उसका पति महमूद दुबई में नौकरी करता था. लेकिन कैसी नौकरी थी? कैसे पैसा कमाता था? इस बारे में अशरफ ने कभी नहीं पूछा. न ही उसके पति ने बताया. एक दिन अशरफ को फोन आता है. कि पति वापस लौट रहा है. तो वो भी उससे मिलने के लिए एयरपोर्ट पहुंच जाती है. पर आंखों के सामने खड़े पति महमूद से मिलने से पहले ही गोलियों की आवाज आई. उसका पति नजरों से गायब हो गया. खूब अफरा-तफरी मची. वो महमूद को ढूंढ रही थी. तभी एक पुलिस वाला आता है और उसे जेजे हॉस्पिटल जाने को कहता.

जैसे ही वो हॉस्पिटल पहुंची, वहां कोने पर एक लाश पड़ी थी, जो उसके पति महमूद की थी. उसे मार दिया था. पर तब तक अशरफ को कोई जानकारी नहीं थी. ऐसा क्यों हुआ और किसने किया था? इससे पहले वो वजह ढूंढने निकलती. अगले दिन ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हो गई. जिससे पता लगा अशरफ का पति महमूद के हाथ बहुत ऊपर तक थे. वो अंडरवर्ल्ड में महमूद कालिया के नाम से जाना जाता था. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लिए ही दुबई में काम करता था. पर किसी बात को मानने से इनकार करने पर मामला बिगड़ गया. दाऊद के गुर्गों ने पुलिस से मुखबिरी कर दी. इसके बाद जैसे ही वो देश लौटा, तो एनकाउंटर में उसे मार गिराया. अशरफ पति की सच्चाई जान चुकी थी. लेकिन उसके मन में इतना गुस्सा भर गया था कि दाऊद से बदला लेने के लिए आतुर हो गई.

ऐसे हुई हुसैन उस्तरा और सपना दीदी की मुलाकात

हुसैन उस्तरा की दाऊद इब्राहिम से दुश्मनी थी. ये बात जैसे ही अशरफ को पता लगी, वो तुरंत हुसैन उस्तरा से मिलने पहुंच गई. दोनों के बीच बातचीत होती है. पर शुरुआत में हुसैन उसकी बातों पर हंसा. इसके बाद उसने मदद के लिए हामी भर दी. अशरफ को ट्रेनिंग भी दी गई. इसमें मार्शल आर्ट्स और हथियार चलाना शामिल था. देखते ही देखते दोनों पक्के दोस्त बने. फिर अशरफ ने पहला कदम रखा दाऊद के खिलाफ. जो था उसके ठिकानों पर जासूसी करना.

ये बात तो किसी से छिपी नहीं है कि मुंबई में दाऊद का ड्रग्स और सट्टेबाजी का धंधा चलता था. अशरफ ने दाऊद को फंसाने का पहला तरीका ढूंढ निकाला था. वो उसके बारे में पुलिस को जानकारी देने लगी और बन गई उनकी पक्की इनफॉर्मर.

अशरफ से सपना दीदी कैसे बन गई

महमूद की पत्नी अशरफ का नाम सपना दीदी कैसे पड़ गया? इसके पीछे की भी एक अलग कहानी है. वो कहते हैं न- दुश्मन का दोस्त-दोस्त होता है. बस पति की हत्या के बाद अशरफ उस हर शख्स की तलाश में थी. जिसकी दाऊद से दुश्मनी हो. ऐसा हुआ भी. एक दिन उसे दाऊद का सबसे बड़ा दुश्मन मिल गया. जो था- अरुण गवली. अशरफ उससे मदद लेने पहुंची. पर उसने साफ मना कर दिया. वो भी ये कहकर कि, उन जैसे लोगों का भरोसा नहीं. अब वो समझ चुकी थी ये नाम उसके लिए ज्यादा दिन तक काम नहीं आएगा. ऐसे में उसने अपनी एक गैंग शुरू कर दी. नाम भी बदल लिया. अब वो सपना दीदी बन चुकी थी. इस गैंग का काम था- दाऊद के स्मगलिंग वाले माल को लूटना. उसे बेचते थे और पैसा कमाते थे.

सपना दीदी ने दाऊद से कई बार बदला लेने की कोशिश की. इसमें से एक था क्रिकेट मैच के दौरान. जब दाऊद को मरवाने की कोशिश की गई. पर प्लान फेल हो गया. उससे भी खतरनाक ये था कि तब दाऊद का राइट हैंड रहा छोटा शकील सपना और उसके प्लान के बारे में जान चुका था. एक दिन वो घर पर लेटी थी. शकील के कुछ लड़के आधी रात में सपना के घर में घुस गए. और वहां से उसे उठाकर ले गए. वहीं उसी के घर के नीचे चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई.

ऐसे हुई हुसैन उस्तरा की मौत

सपना की मौत हो चुकी थी. कई सालों तक हुसैन का गैंग चलता रहा. पर साल 1998. महीना था- सितंबर. जब हुसैन अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचा. हुसैन के साथ उसके आदमी नहीं थे. जैसे ही वो बिल्डिंग से बाहर निकला. उसे शकील के लड़कों ने गोलियों से भून दिया. अब यही रोल कार्तिक आर्यन विशाल भारद्वाज की फिल्म में करने वाले हैं. सपना दीदी के रोल के लिए फिलहाल कोई फाइनल नहीं किया गया है. इसी साल फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी. वहीं साल 2025 तक पिक्चर आ सकती है.

– एजेंसी