कानपुर हिंसा में फंडिंग करने वाले मुख्तार बाबा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रविवार को फूड डिपार्टमेंट ने बाबा बिरयानी के एक और आउटलेट को सील कर दिया। जिला प्रशासन बाबा बिरयानी के 7 रेस्टोरेंट पर ताला लगा चुका है।
खाद्य विभाग की टीम ने शहरभर के बाबा बिरयानी के रेस्टोरेंट से सैंपल लेकर आगरा लैब भेजा था। लैब से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बिरयानी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने 27 जून को बाबा बिरयानी के 6 रेस्टोरेंट को सील कर दिया था।
जाजमऊ स्थित डिफेंस कॉलोनी में बाबा बिरयानी का एक और रेस्टोरेंट था। फूड विभाग की टीम ने बीते 27 जून को इसका सैंपल लिया था। जिसकी रिपोर्ट भी रेगेटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद रविवार को इस रेस्टोरेंट को सील कर दिया गया है।
बेकनगंज थाना क्षेत्र स्थित यतीमखाना, नई सड़क में बीते शुक्रवार तीन जून को भाजपा नेता नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद हिंसा भड़क गई थी। कानपुर हिंसा को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था।
दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम चले थे। पुलिस ने मास्टर माइंड हयात जफर और उसके साथी जावेद अहमद खान, मो सूफियान और मो राहिल को जेल भेजा था। कानपुर हिंसा में 58 उपद्रवियों की अरेस्टिंग हो चुकी है।
मुख्तार बाबा पर है फंडिंग का आरोप
कानपुर हिंसा प्रायोजित थी, इसके सुबूत एसआईटी के हाथ लगे हैं। हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी को बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा फंडिंग करता था। कानपुर हिंसा में भी उसने फंडिंग की थी। इसके साथ ही मुख्तार बाबा पर विवादित जमीनों और शत्रु संपत्तियों को खरीदने बेचने का आरोप है। मुख्तार बाबा ने कागजो में हेराफेरी कर जानकी देवी मंदिर पर कब्जा कर बाबा स्वीट्स हाउस खोला था।
बिरयानी के सैंपल हुए फेल
बाबा बिरयानी के नाम से जूही, स्वरूप नगर, नवीन मार्केट, जाजमऊ, समेत शहर में 7 रेस्टोरेंट खुले थे। इन सभी रेस्टोरेंट के लाइसेंस अलग-अलग नाम से रजिस्टर्ड थे। खाद्य विभाग की टीम ने बीते 8 जून को बिरयानी के सैंपल लिए थे। बिरयानी के सैंपल आगरा लैब परीक्षण के लिए भेजा गया था। बीते 24 जून को आगरा लैब से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह बिरयानी खाने योग्य नहीं है। किसी भी इंसान के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
-एजेंसियां
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