दिल्ली के कंझावला अंजलि हत्याकांड को सुलझाने में लगी दिल्ली पुलिस की मुख्य गवाह निधि का आगरा में ड्रग कनेक्शन सामने आया है। निधि को आगरा कैंट स्टेशन पर GRP ने 2 साल पहले गांजा तस्करी में गिरफ्तार किया था। निधि के पास से 10 किग्रा तस्करी का गांजा बरामद हुआ था। निधि अपने दोस्तों के साथ तेलंगाना से दिल्ली गांजा लेकर जा रही थी।
31 दिसंबर को पार्टी कर घर लौट रही अंजलि की स्कूटी को एक जनवरी तड़के करीब दो बजे बलेनो कार ने टक्कर मार दी थी और उसे 12 किलोमीटर तक घसीटती चली गई। अंजलि का शव बाहरी दिल्ली के कंझावला में मिला। कथित तौर पर कार सवार लोगों समेत सात पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के वक्त अंजलि को अपने साथ बताने वाली निधि क्रिमिनल केस सामने आया है। निधि 6 दिसंबर 2020 में आगरा कैंट स्टेशन पर गांजा तस्करी में गिरफ्तार हो चुकी है, उसके साथ दो अन्य लड़के भी थे। सभी को आगरा जीआरपी ने एनडीपीएस में जेल भेजा था।
दिल्ली सुल्तानपुरी की रहने वाली निधि अंजलि केस में चश्मदीद गवाह बताई जा रही है। वह 6 दिसंबर 2020 में सिकंदराबाद (तेलंगाना) से गांजा तस्कर करके दिल्ली ले जा रही थी। जीआरपी इंस्पेक्टर देवेंद्र द्विवेदी के अनुसार निधि पुत्री सतपाल सिंह, रवि कुमार पुत्र सुरेंद्र शर्मा निवासी दिल्ली और समीर पुत्र आबिद हुसैन निवासी दिल्ली को आगरा कैंट स्टेशन पर तस्करी के गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। तीनों के पास 10-10 किग्रा गांजा बरामद हुआ था। निधि ने बताया कि वह दिल्ली के दीपक के कहने पर तस्करी का गांजा लेकर दिल्ली आ रही थी।
दीपक को दो साल में भी नहीं अरेस्ट कर सकी पुलिस
गांजा तस्करी में पकड़े गए तीनों लोगों ने दिल्ली के दीपक का नाम बताया था। तीनों ने पुलिस को बताया कि वो तेलांगाना से ट्रेन में बैठकर गांजा लेकर आए थे। कैंट स्टेशन पर उतरकर सभी सड़क के रास्ते से दिल्ली जाने की फिराक में थे। इस मामले में पुलिस अभी दीपक का पता नहीं लगा सकी है।
Compiled: up18 News
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