आगरा। बीते मंगलवार को ताजमहल देखने के लिए आगरा आए अयोध्या के जगत गुरु परमहंस आचार्य को एएसआई कर्मचारियों और सीआरपीएफ द्वारा ताजमहल देखने से रोक दिया गया। परमहंस आचार्य ने आरोप लगाया था कि उन्हें भगवा वस्त्र पहने और हाथ में धनुष दंड होने की वजह से ताजमहल परिसर प्रवेश नहीं करने दिया। इस घटना को लेकर आगरा में जहां तमाम हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कैलाश मंदिर के महंत निर्मलगिरी ने एक वीडियो जारी कर इस मामले में तीखी टिप्पणी दी है।
कैलाश मंदिर के महंत निर्मल गिरी महाराज ने कहा कि अयोध्या के एक संत के साथ ताज महल में प्रवेश के दौरान जो घटना हुई है वह काफी दु:खद है। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं भगवा वस्त्र धारण करते हो, उस सरकार में साधु संतों के साथ ऐसा रवैया नहीं चलेगा। महंत ने कहा कि किसी न किसी रूप में कुछ गलत कृत्य होते हैं जो कभी न कभी सामने आ जाते हैं।
महंत निर्मलगिरी ने योगी सरकार से मांग की है कि इस मामले को त्वरित संज्ञान में लेते हुए सरकार को एक्शन लेना चाहिए और जिन्होंने ऐसा गलत कृत्य किया है उन्हें तुरंत सजा मिलनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर एएसआई अधिकारी द्वारा इस मामले में सफाई दी गई। एएसआई अधीक्षक का कहना है कि जैसे ही यह मामला उनके संज्ञान में आया वैसे ही उन्होंने जांच पड़ताल करते हुए ताज प्रवेश सुरक्षा में लगे एएसआई कर्मचारियों और सीआरपीएफ के जवानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अभी तक की जानकारी में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है जिसमें भगवा वस्त्र पहनने पर जगद्गुरु परमहंस आचार्य को रोका गया हो।
एएसआई अधीक्षक ने सफाई देते हुए कहा कि उनके हाथ में जो लोहे का धनुष दंड था, कर्मचारियों ने उसे न ले जाने के लिए कहा था। उनसे कहा गया था कि वह धनुष दंड या तो हमारे पास जमा करा सकते हैं या फिर ऐसे ही निगरानी में छोड़कर जा सकते हैं। ताज भ्रमण के बाद यह धनुष दंड उनको दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी के बैग या पर्स में धातु की कोई भी छोटी से छोटी चीज को सुरक्षा की दृष्टि से अंदर ले जाने नहीं दिया जाता है। फिर भी वे लगातार इस मामले की जांच कर रहे हैं।