खतरनाक बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ते-लड़ते हार गयें पत्रकार पवन जायसवाल…

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जब भी कोई ख़बर मीडिया दिखाती है.उस खबर के मुल सूत्रधार (ग्राउंड जीरो रिपोर्टर) को अक्सर नहीं या नाम मात्र ही हाईलाइट में लाती है. इसलिए ऐसे पत्रकार गुमनाम ही रह जाते हैं. बहुतों को तो टीवी स्क्रीन पर दिखने वाले ही पत्रकार लगते हैं. सबसे बुरी गत ग्राम्यांचल के पत्रकारों की है. वह ग्राउंड पर मेहनत करते हैं. इसके एवज में वह प्रताड़ना, आरोप, साजिश तक के शिकार हो जाते हैं. और जब मुसीबत में होते हैं तो वह संस्थान भी पल्ला झाड़ लेता है जहां वह कार्यरत रहते हैं. जबकि सच यह है की पत्र पत्रिकाओं चैनलों में दिखाई जानी वाली खबरों का बेस आंचलिक पत्रकार ही होते हैं जिससे उनकी टीआरपी गेन करती है. मगर यह भी उतना कड़वा सच है कि अक्सर ग्राम्यांचल के पत्रकार विप्पनता आरोपों का शिकार रहते हैं. क्योंकि संस्थान उन्हें कुछ खास नहीं देता. जिससे वह घर खर्च चला सकें. चूंकि पत्रकारिता एक रोजगार नहीं एक पैशन है लिहाजा तमाम झंझावतों के बावजूद पत्रकारिता के पेशे का मोह जहन से जाता नही है. और आंचलिक पत्रकार खबरों को दिखाने औऱ जिंदगी की गाड़ी चलाने. दोनों के लिये सँघर्ष करता रहता है.

ऐसे ही एक आँचलिक पत्रकार आज (5-5-2022) को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जंग लड़ते-लड़ते हार गयें. जिनकी एक ख़बर ने आज से चार वर्ष पूर्व (2019) में यूपी के शासनिक-प्रशासनिक जगत में भूचाल ला दिया था.

यूपी के मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल ने एक सरकारी विद्यालय में बच्चों को मध्याह्न भोजन में नमक रोटी परोसने की ख़बर प्रकाशित किया था. जिसके बाद उस वक्त सियासी पारा चढ़ गया था. उस वक्त पत्रकार पवन को फांसने और खबर की खुन्नस निकालने के उद्देश्य से स्थानीय प्रशासन ने उनके ऊपर गम्भीर मुकदमे दर्ज कर दियें थें. जो बाद में बेबुनियाद साबित हुयें. उधर मुकदमे से मुक्त हुए पवन का दुर्भाग्य यह रहा कि उन्हें बीते कुछ महीनों पहले मुख के कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया.

पवन इस बीमारी के चपेट में आकर महंगे ईलाज में जमापूंजी गंवाते रहें. जब ईलाज खर्च से बेबस हुयें तो मदद की गुहार लगायें. लिहाजा आप सांसद संजय सिंह, सपाध्यक्ष अखिलेश यादव और कुछ समाजसेवी पत्रकारों ने अपने स्तर तक मदद की मगर. पवन जिंदगी की जंग हार गयें.

आज के दौर में लोग पत्रकारों को बिना सोचे समझे झट से दलाल या कई उपमाओं से नवाज देते हैं. मगर उनकी समस्या सँघर्ष परेशानियों से किसी को मतलब नहीं होता है।

Up18 News परिवार साथी पत्रकार पवन जायसवाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है

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