JNU की नई कुलपति ने कहा: बकवास फैलाई जा रही है, मैं कभी ट्विटर पर थी ही नहीं

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जेएनयू की नई कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने इससे इंकार किया है कि वे कभी ट्विटर पर भीं. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं ट्विटर पर नहीं हूँ. मेरा कोई ट्विटर हैंडल नहीं है. जेएनयू की नई कुलपति के कथित पुराने ट्वीट्स का हवाला देकर सोशल मीडिया पर लोग उनके चयन पर सवाल उठा रहे थे. इनमें योगेंद्र यादव और कविता कृष्णन भी थे.

लेकिन न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बकवास फैलाई जा रही है. मुझे नहीं पता कि ट्विटर पर किसने ये सब शुरू किया. उन्होंने इस पर भी सवाल उठाए कि उनकी नियुक्ति के बाद ही ये ट्वीट्स क्यों सामने आए. शांतिश्री की कुलपति के रूप में नियुक्ति के बाद @SantishreeD हैंडल के कई सारे पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स लेकर लोग उन पर सवाल उठाने लगे. हालाँकि ये अकाउंट वेरिफ़ाइड नहीं था. कुछ देर बाद ये अकाउंट डिलीट हो गया.

उन्होंने कहा, इंकार करने का सवाल ही नहीं होता. मेरा कभी कोई ट्विटर हैंडल ही नहीं था. ये सब सुनियोजित था. उन्होंने कहा कि ये सब देखकर वे सदमे में थीं. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने इस विवादों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उन पर इस तरह हमला न किया जाए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनकी नियुक्ति को पचा नहीं पा रहे हैं और वे उन्हें बदनाम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि तमिलनाडु की एक महिला को नियुक्त किया गया है. पहले ऐसा क्यों नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वे किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं.

एक दिन पहले ही बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी उनकी नियुक्ति पर चुटकी ली थी. उन्होंने उनकी ओर से जारी पहली प्रेस रिलीज़ का हवाला देते हुए कहा था कि उसमें व्याकरण की कई ग़लतियाँ हैं. ट्वीट करके वरुण गांधी ने कहा था कि नई जेएनयू वीसी की ये प्रेस विज्ञप्ति अशिक्षा की एक प्रदर्शनी है.

उन्होंने कहा कि इस प्रेस रिलीज़ में व्याकरण संबंधी कई ग़लतियाँ हैं. उन्होंने विस्तार से बताया है कि प्रेस रिलीज़ में क्या-क्या ग़लतियाँ हैं. नई वीसी की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा है कि इस तरह की औसत नियुक्तियाँ हमारे युवाओं के भविष्य को नुक़सान पहुँचाती हैं.

-एजेंसियां