जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने मंगलवार को सरजन अहमद वागे उर्फ बरकती उर्फ ‘आजादी चाचा’ को गिरफ्तार किया। है। सरजन अहमद बागे पर कश्मीर में कट्टरपंथ फैलाने के लिए क्राउड फंडिंग के माध्यम से करोड़ों रुपये जुटाने का आरोप है।
दक्षिण कश्मीर क्षेत्र से एसआईए के सूत्रों ने कहा, ‘सरजन अहमद वागे उर्फ बरकती को पुलिस स्टेशन एसआईए की केस एफआईआर नंबर 02/2023 में गिरफ्तार किया गया है। मामला एक धन जुटाने के अभियान में उनकी संलिप्तता के बारे में है जिसका उपयोग तब कट्टरपंथ फैलाने के लिए किया गया था।’
2016 में कश्मीर के अंदर भड़काई थी हिंसा
2016 में सुरक्षा बलों द्वारा हिजबुल के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के मारे जाने के बाद वागे ने अपने राष्ट्र-विरोधी, उकसाने वाले और नफरत फैलाने वाले भाषणों के माध्यम से प्रमुखता प्राप्त की। सूत्रों ने कहा कि वागे ने करोड़ों रुपये जुटाए थे और ये ज्यादातर उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर सावधि जमा खातों में जमा किए गए थे।
मनी लॉन्ड्रिंग में रहा शामिल
सरजन अहमद उर्फ आजादी चाचा पर आरोप है कि उन्होंने आतंकवाद और अलगाव का समर्थन करने के लिए विभिन्न स्रोतों से धन शोधन भी किया। सूत्रों ने कहा कि वह जनता के विश्वास को धोखा देने, धन शोधन, आतंकवाद का समर्थन करने, अलगाव फैलाने और युवाओं के युवा और रचनात्मक दिमागों को हिंसा में धकेलने के लिए धर्म का उपयोग करने में शामिल है।
ऐसे बना आजादी चाचा
एसआईए के सूत्रों ने कहा कि यह एक राष्ट्र-विरोधी उपदेशक के रूप में उनकी कुख्याति के कारण था कि उन्हें राष्ट्र-विरोधी समर्थकों और प्रायोजकों के उनके गिरोह में वह ‘आजादी चाचा’ कहा जाता था।
आतंकवाद के लिए धन जुटाया
सरजन अहमद दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां का रहने वाला है। उसका घर जेनपोरा इलाके में है। सरजन बरकती प्रतिबंधित जमाते इस्लामी का एक अहम सदस्य है।
आजादी चाचा कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़ा हुआ था। 2016 में आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद उसने कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया। आजादी चाचा ने दक्षिण कश्मीर में विशेषकर शोपियां, कुलगाम और पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रविरोधी हिंसक रैलियां निकालीं। पत्थरबाजी करवाने में अहम भूमिका निभाई।
2016 में भी हुआ था गिरफ्तार
सरजन को अक्टूबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था। वह करीब चार साल तक जन सुरक्षा अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर की जेल में बंद था। हालांकि घरवालों का दावा है कि जेल से छूटने के बाद वह किसी भी तरह की सियासी गतिविधि में शामिल नहीं था।
Compiled: up18 News