कर्नाटक के बेलगावी जिले में अपहरण के बाद जैन मुनि कामकुमार नंदी महाराज की बेरहमी से हत्या कर दी गई है, पुलिस हिरासत में लिए गए दो आरोपियों ने उनकी हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चिक्कोडी के आचार्य श्री 108वें कामकुमार नंदी महाराज गुरुवार को होरेकोडी में नंदी पर्वत पर जैन बसादी से लापता हो गए थे, जैन बसादी से संबंधित संपत्ति के दस्तावेज भी गायब हैं।
फ़िलहाल इस घटना से बेलगावी जिले में हड़कंप मच गया है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैन मुनि कामकुमार नंदी महाराज की हत्या कर उनके शव के टुकड़े इधर-उधर फेंक दिए गए हैं। जैन मुनि के शव के टुकड़े बोरवेल से बरामद हुए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस भयावह घटना के आलोक में एक जांच दल का गठन किया और अधिकारियों को मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने यह जानकारी दी। जिले की चिकोड़ी तालुक में कुएं में शव के टुकड़े मिले हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस भयावह घटना के आलोक में एक जांच दल का गठन किया और अधिकारियों को मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
यह भयानक घटना चिक्कोडी इलाके में हुई, जहां श्रद्धेय जैन मुनि 108 कामकुमार नंदी जी महाराज पिछले 15 वर्षों से नंदी पर्वत आश्रम में रह रहे थे। वह बेलगावी जिले के चिक्कोडी के पास हिरेकोडी गांव के आचार्य कामकुमार नंदी चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख थे। गुरुवार को उनके अचानक गायब होने से उनके शिष्यों में चिंता बढ़ गई, जिन्होंने उनकी तलाश की, लेकिन उनका पता नहीं चल सका. इसके बाद आचार्य कामकुमार नंदी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भीमप्पा उदारे ने उसी दिन गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।जब संदिग्ध को हिरासत में ले कर पूछताछ की गई तो उसने जैन मुनि की हत्या की बात स्वीकार कर ली। आरोपित मृतक का परिचित है।
बताया जा रहा है कि आरोपित ने जैन मुनि से कुछ रुपए उधार लिए थे। काफी दिनों तक न लौटा पाने के बाद जैन मुनि ने अपने पैसे वापस माँगने शुरू कर दिए थे। इसी बात पर आरोपित ने जैन मुनि नंदी महाराज की जान ले ली। आरोपित ने घटना में अपने साथ एक अन्य व्यक्ति के शामिल होने की जानकारी दी है। पुलिस ने हत्या में शामिल उस दूसरे व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया है।
प्रदीप नंदगांव ने आरोप लगाया कि साधु को प्रताड़ित किया गया, बिजली के झटके दिए गए और बाद में उनके शरीर के टुकड़े कर दिए गए। उन्होंने कहा, “चौंकाने वाली बात यह है कि जब साधु लापता हो गया, तो जब हमने तलाश शुरू की तो मुख्य आरोपी हमारे साथ था।
”दोनों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जैन मुनि की हत्या कर के लाश टुकड़ों में काट दी। बाद में दोनों ने उन टुकड़ों को कटकाबावी गाँव के पास बोरवेल में फेंकने की जानकारी दी। मृतक जैन मुनि का जन्म 6 जून 1967 को कर्नाटक के ही बेलगाम जिले में हुआ था। बचपन में उनका नाम भ्रामप्पा था।
इस बीच, जैन संत आचार्य गुणधर नंदी महाराज ने कहा कि हिरेकुडी संत की हत्या ने समुदाय के संतों और उनके भक्तों को झकझोर कर रख दिया है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले।
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