आगरा: शनिवार को आगरा में आयकर प्रोफेशनल की वर्चुअल मीटिंग हुई। इसमें वरिष्ठ अधिवक्ताओं और सीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन किया। आयकर प्रोफेशनल ने धारा 148 ए के तहत आयकर नोटिस के लिए तय की जा रही प्रक्रिया पर सवाल उठाया है।
मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि जो प्रक्रिया तय की जा रही है, वह नियमों के अनुकूल नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि नए प्रावधान के अंतर्गत नोटिस जारी किए जा सकते हैं। लेकिन उनमें करदाताओं को भी अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। जबकि वास्तविकता इससे अलग है। टैक्स के फिर से निर्धारण की प्रक्रिया में कुछ श्रेणियों को छोड़ अन्य मामलों में काल बाधित होने के बावजूद नोटिस जारी किए जाने की तैयारी है। यह निर्णय सभी को अचंभित कर रहा है।
सीए महेश अग्रवाल और मुरली मनोहर अग्रवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर 90 हजार आयकर दाताओं पर होगा। एडवोकेट अनिल वर्मा और सीए दीपेंद्र मोहन ने कहा कि एक अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक पुराने 148 के नोटिस जारी किए गए थे, जबकि उस समय 148 का नया प्रावधान आ गया था।
सीए प्रार्थना जालान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुराने प्रावधान के अनुसार नोटिस जारी नहीं हो सकते। विभाग नोटिस वापस ले और नए प्रावधान 148 ए के तहत नए नोटिस भेजे।
संचालन करते हुए एडवोकेट अनुराग सिन्हा ने कहा कि इसके विपरीत सीबीडीटी ने उन मामलों को खोलने का आदेश दिया है, जो नए प्रावधानों के अनुसार नहीं खुल सकते। क्योंकि उन मामलों को खोले जाने का समय अब खत्म हो चुका है। ऐसे में सीबीडीटी का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।
वर्चुअल मीटिंग में सीए साहिब सत्संगी, नवीन गर्ग, राजेन्द्र अग्रवाल, शशांक अग्रवाल शामिल रहे।
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