ISRO ने श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया अब तक का सबसे भारी रॉकेट

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इसका नाम एलवीएम3-एम2 कर दिया गया है. इसमें 36 ‘वनवेब’ उपग्रह हैं. एलवीएम 3-एम2 रॉकेट 43.5 मीटर लंबा और 644 टन वज़नी है. यह 8 हज़ार किलो वज़न ले जाने में सक्षम है. वनवेब एक प्राइवेट सैटेलाइट कंपनी है जिसमें भारत की भारती ग्लोबल एक बड़ी हिस्सेदार है.

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पहले इसरो के एलवीएम3 बोर्ड पर वनवेब लियो उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए लंदन स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ दो लॉन्च सर्विस के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था.

यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एलवीएम3 का यह पहला कमर्शियल मिशन है और एनएसआईएल का इस रॉकेट में पहला लॉन्च है.

इसरो ने बताया कि इस मिशन में वनवेब की 36 सैटेलाइट का पेलोड है और यह भारत का पहला रॉकेट है जो 5796 किलोग्राम वज़न लेकर रवाना हुआ है.

एलवीएम3 एम2 तीन चरण वाला रॉकेट है. इसमें पहले चरण में तरल ईंधन से दो स्ट्रैप ठोस ईंधन द्वारा संचालित मोटर्स पर दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है.

इसरो के भारी लिफ्ट रॉकेट की क्षमता एलईओ तक 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन है.

इसरो ने बताया कि मिशन को ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ और ब्रिटेन स्थित ‘नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड’ (वनवेब लिमिटेड) के बीच वाणिज्यिक व्यवस्था के हिस्से के रूप में चलाया जा रहा है.

Compiled: up18 News