इसरो का सूर्य मिशन अपनी राह पर आगे बढ़ रहा है। इसरो ने आदित्य एल1 में सुधार को लेकर रविवार सुबह एक अपडेट दिया। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि अंतरिक्ष यान ठीक है और सूर्य-पृथ्वी L1 की ओर बढ़ रहा है।
इसरो ने बताया कि एक ट्रैजिक्टरी करेक्शन मैनूवर (टीसीएम), 6 अक्टूबर 2023 को लगभग 16 सेकंड के लिए किया गया था। इससे पहले 19 सितंबर 2023 को किए गए ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) मैनूवर को ट्रैक करने के बाद मूल्यांकन किए गए प्रक्षेप पथ को सही करने के लिए इसकी आवश्यकता थी।
इसरो ने बताया कि टीसीएम यह सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष यान एल1 के आसपास हालो कक्षा में प्रवेश की दिशा में अपने इच्छित पथ पर है। जैसे-जैसे आदित्य-एल1 आगे बढ़ता रहेगा, कुछ ही दिनों में मैग्नेटोमीटर फिर से चालू हो जाएगा।
5वीं बार अंतरिक्ष में इसरो ने भेजा है यान
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 30 सितंबर को कहा कि था कि भारत की अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य-एल1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर चली गई है। आदित्य-एल1 ने 30 सितंबर तक 9.2 लाख किमी से अधिक की यात्रा कर ली थी। इसके बाद आदित्य-एल1 अब सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है।
इसरो का कहना था कि यह लगातार दूसरी बार है कि इसरो ने पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर एक अंतरिक्ष यान भेजा है। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन को पृथ्वी की कक्षा से बाहर भेजा गया था। यह लगातार पांचवीं बार है जब इसरो ने किसी वस्तु को किसी अन्य खगोलीय पिंड या अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। इसरो ने अंतरिक्ष यान को तीन बार चंद्रमा और एक बार मंगल पर भेजा है।
चार महीने में पहुंचेगा आदित्य एल1
आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को भारतीय रॉकेट, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) से निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया था। उस समय से इसरो ने अंतरिक्ष यान की कक्षा को चार बार बढ़ाया था।
जैसे ही अंतरिक्ष यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र (एसओआई) से बाहर निकलने के बाद लैग्रेंज प्वाइंट (एल1) की ओर यात्रा शुरू करने के बाद क्रूज स्टेज शुरू हो गई थी। इसे एल1 के चारों ओर एक बड़े प्रभामंडल कक्षा में इंजेक्ट किया गया। लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे और पृथ्वी से दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी होगी।
Compiled: up18 News