ISRO ने फिर रचा इतिहास: श्री हरिकोटा से ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट्स को किया लॉन्च

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आइए जानते हैं वनवेब इंडिया मिशन की 5 बड़ी बातें

1- वनवेब इंडिया मिशन में ‘वनवेब’ नाम यूके स्थित वनवेब ग्रुप कंपनी से संबंधित है। वनवेब और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो इसरो की वाणिज्यिक शाखा है। 36 उपग्रहों का पहला सेट 23 अक्टूबर, 2022 को लॉन्च किया गया था।

2-LVM3 इसरो का सबसे भारी भरकम प्रक्षेपण यान है जो अब तक पांच सफल उड़ानें पूरी कर चुका है जिसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है। दरअसल, ब्रिटेन की वनवेब ग्रुप कंपनी ने इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड से 72 उपग्रह लॉन्च करने का करार किया था। इसरो के अनुसार, एक साथ भेजे गए उपग्रहों का वजन लगभग 5,805 किलोग्राम है।

3-वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के लॉन्च शुल्क के लिए दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए वनवेब के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

4-एलवीएम3 (जीएसएलवी-एमके तीन) तीन चरणों वाला रॉकेट है, इसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप ऑन मोटर, दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है। इसरो के हैवी लिफ्ट रॉकेट की लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन की वहन क्षमता है। एलवीएम 3 ने अब तक चंद्रयान-2 मिशन सहित लगातार पांच सफल मिशन संचालित किया।

5-रॉकेट की उड़ान के 19 मिनट से अधिक समय बाद, एलईओ में नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 उपग्रहों का पृथक्करण शुरू हो गया। उपग्रहों को 87.4 डिग्री के झुकाव के साथ 450 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यदि मिशन सफल होता है, तो भारत द्वारा लॉन्च किए गए विदेशी उपग्रहों की कुल संख्या 1999 से शुरू होकर 422 हो जाएगी। यह वनवेब के 36 जेन1 उपग्रहों की अंतिम किस्त होगी। मिशन के सफल होने के बाद, भारत के भारती समूह और यूके सरकार द्वारा समर्थित ब्रिटेन की कंपनी के पास अंतरिक्ष में परिक्रमा करने वाले 618 उपग्रह होंगे।

Compiled: up18 News