इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान की सजा को रद्द करने से किया इंकार

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व्‍हाट्सएप पर लगा दिया बैन

इमरान को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया था। साथ ही उन्‍हें तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद अटक जेल लेकर आया गया था। अटक जेल में 150 से अधिक जेल कर्मचारियों का पूरा बायोडाटा सुरक्षा मंजूरी के लिए स्‍पेशल ब्रांच और बाकी संगठनों को भेजा जाएगा। अटक जेल में तैनात कर्मचारियों के किसी भी आतंकी संगठन से जुड़े होने और राजनीतिक दल से जुड़े होने समेत बाकी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा मंजूरी के जरिए तुरंत रिपोर्ट इकट्ठा करने के भी आदेश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि जियोफेंसिंग के बाद जेल कर्मचारियों के व्हाट्सएप यूज को बैन कर दिया गया है। सन् 1906 में बनी इस जेल में कैदियों की संख्या आमतौर पर एक हजार से ज्‍यादा होती है।

जेल में परेशान इमरान

वर्तमान में इस जेल में 700 से ज्‍यादा कैदी हैं और उनके पास केवल सी-श्रेणी की सुविधाएं हैं। सूत्रों की मानें तो सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर 100 से अधिक कैदियों को अदियाला और बाकी जेलों में ट्रांसफर करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

पीटीआई अध्यक्ष ने सोमवार को अपने वकील के साथ मुलाकात के दौरान जेल के पर्यावरण के बारे में चिंता जताई थी। उनका कहना था कि दिन में मक्खियां उनकी कोठरी पर कब्जा कर लेती हैं और रात में कीड़े।पार्टी ने उन्हें अडियाला और ए-क्लास सुविधाओं वाली जेल में भेजने की मांग की है। कार्यकर्ताओं ने इस मकसद से इस्लामाबाद हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है।

संसद होगी भंग

इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ देश में अगले आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राष्‍ट्रपति आरिफ अल्वी से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफ‍ारिश करने वाले हें। संसद के निचले सदन का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होगा। शरीफ ने इस्लामाबाद में मंगलवार को कहा था, ‘मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर मैं नेशनल असेंबली भंग करने के लिए राष्ट्रपति को बुधवार को पत्र लिखूंगा और इसकी सिफारिश करूंगा। इसके बाद एक अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी।’

राष्‍ट्रपति अल्वी असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते हैं। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो 48 घंटे बाद वह स्वत: भंग हो जाएगी। यह दूसरी बार है जब राष्‍ट्रपति अल्वी असेंबली को भंग करेंगे। इससे पहले अप्रैल 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे भंग करने की सिफारिश की थी। अल्वी ने इसे भंग करने का आदेश दे दिया था, लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को पलट दिया था।

Compiled: up18 News