ईरान में लगभग एक महीने से चल रहा हिजाब विरोधी प्रदर्शन 30 शहरों में फैल चुका है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद विरोध प्रदर्शनों पर रोक नहीं लग पा रही है। इस बीच ईरान के शिक्षा मंत्री का कहना है कि हिजाब का विरोधी करने वाली स्कूल और कॉलेज की छात्राओं की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, ये सभी छात्राएं दिमागी रोग से ग्रसित हैं। इन छात्राओं को साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है। जिससे इन छात्राओं में पनप रहे असामाजिक व्यवहार को दुरुस्त किया जा सके।
200 से ज्यादा लोग मारे गए
ईरानी पुलिस ने गुरुवार रात एक बार फिर कुर्दिस्तान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग और लाठी चार्ज किया। कुर्दिस्तान के 10 शहरों में उग्र प्रदर्शनों का दौर जारी है। पुलिस फायरिंग में अब तक 210 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दो हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुर्दिस्तान के करनमशाह शहर में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई हैं। इस संघर्ष में दो पुलिस वालों के भी मारे जाने की जानकारी मिली है।
सितंबर में 23 बच्चों की मौत
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को 19 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक सितंबर में प्रोटेस्ट में शामिल 23 बच्चों की मौत हुई है। इन सभी की मौत ईरानी सुरक्षा बल की गोलियों से हुई। मरने वालों में 11 से 17 साल के 20 लड़के, 16 साल की दो लड़कियां और एक 17 साल की लड़की शामिल है। ज्यादातर बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय के हैं जो 30 सितंबर को पुलिस की गोलियों का शिकार बने। राइट्स ग्रुप के मुताबिक प्रोटेस्ट में अब तक मारे गए बच्चों की संख्या का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है। एमनेस्टी ने बताया, फिलहाल उसके पास प्रोटेस्ट शुरु होने के बाद से अब तक मरने वाले 144 लोगों का डाटा है।
रेवोल्यूशनरी गार्ड्स तैनात किए गए
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने में पुलिस पस्त हो चुकी है। राष्ट्रपति इब्राहीम रहीसी की सरकार की विफलता को देखते हुए सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनेई ने अब आंदोलन को कुचलने के लिए रेवोल्यूशनरी गार्ड्स (सेना की एक ब्रांच) को तैनात किया है। सबसे ज्यादा रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कुर्दिस्तान में तैनात किए गए हैं।
प्रदर्शन के 4 कारण
16 सितंबर को जब ईरान में आंदोलन तेज हुआ तो पुलिस के पास ही हालात से निपटने की जिम्मेदारी थी, लेकिन इसके बाद पुलिस को हटा कर खमेनेई के विश्वासपात्र रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को लगाया गया है। सरकार इनसे आंदोलन को दबाना चाहती है।
कैसे भड़की हिंसा
ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। तीन दिन बाद, यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने से हुई। पुलिस ने दावा किया कि अमिनी की मौत हार्टअटैक की वजह से हुई।
-एजेंसी
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